Nov 27, 2020
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देश भर में संविधान दिवस उत्साह से मनाया गया

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आज पूरे देश में संविधान दिवस को उत्साह के साथ मनाया गया। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी प्रस्तावना पठन का आरंभ उनके 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में अभिभाषण से हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन केवडिया, गुजरात में आज कई कार्यक्रमों के साथ हुआ।

पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कर्तव्यों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि कर्तव्यों को अधिकारों, सम्मान और आत्मविश्वास के स्रोत के रूप में माना जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने अधिकारों और कर्तव्यों के बीच एक करीबी संबंध देखा और महसूस किया कि एक बार जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं तो अधिकार स्वत: ही संरक्षित हो जाते हैं। प्रधान मंत्री ने कहा कि जिस तरह ‘केवाईसी-नो योर कस्टमर’ डिजिटल सुरक्षा का प्रमुख पहलू है, वैसे ही ‘केवाईसी- नो योर कॉन्स्टिट्यूशन’ से भी संवैधानिक सुरक्षा कवच तैयार किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे कानूनों की भाषा आम लोगों के लिए सरल और सुलभ होनी चाहिए ताकि वे हर कानून के साथ सीधा संबंध महसूस करें। साथ ही कहा कि अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए और सुझाव दिया कि पुराने कानूनों को निरस्त करने की एक स्वचालित प्रणाली होनी चाहिए क्योंकि हम उन्हें संशोधित करते हैं। सम्मेलन को राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने संबोधित किया। कल उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने उद्घाटन दिवस पर अपने विचार रखे थे।

इस 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का समापन सत्र लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला द्वारा संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि पीठासीन अधिकारियों ने सर्वश्रेष्ठ राज्य विधानमंडल को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो सर्वश्रेष्ठ विधानंडल के लिए राज्यों को नामित करेगी। उन्होंने आगे ये भी बताया कि राज्य विधानसभाएं पूरे साल स्थानीय कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी जिसमें जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। ये पंचायत स्तरों से अपनी भूमिका, जिम्मेदारियों और लोगों के प्रति जवाबदेही पर केंद्रित कार्यक्रम होंगे। इसका विशेष जोर  संविधान के अनुरूप युवाओं के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता पर रहेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज नई दिल्ली में संविधान, मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाशित एक ई-संकलन का अनावरण भी किया। इस ई-बुक में न्यायधीशों, उद्योगपतियों और कलाकारों सहित कई क्षेत्रों के जानकार लोगों के 32 लेख हैं। मूल रूप से कॉफी टेबल बुक के रूप में योजनाबद्ध पुस्तक को व्यापक पहुंच के लिए ई-संकलन के रूप में जारी किया गया है।

संविधान दिवस के इस अवसर पर वेबिनार, प्रदर्शनियों, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता, क्षेत्रीय वेबिनार, ई-बैनर, डिजिटल प्रदर्शनी मौलिक कर्तव्यों पर चर्चा और वार्ताओं के साथ-साथ विभिन्न संगठनों द्वारा वीडियो और ऑडियो स्पॉट विमोचन के साथ संविधान दिवस का उत्सव मनाया गया। मौलिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों सहित संविधान से संबंधित विभिन्न विषयों पर पूरे देश में प्रेस सूचना ब्यूरो  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) के क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों द्वारा लगभग 30 वेबिनार आयोजित किए गए थे। इन वेबिनार में शिक्षाविदों, कानूनी और न्यायिक विशेषज्ञों और मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

युवाओं को शामिल करने के लिए देशव्यापी गतिविधियों का आयोजन युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्रों द्वारा किया गया। लगभग 18 लाख एनवाईकेएस अधिकारी, युवा स्वयंसेवक और अन्य संबंधित लोगों ने भारत के राष्ट्रपति के साथ-साथ भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 623 जिलों के 81,473 गांवों से 4.27 लाख युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी के साथ संवैधानिक मूल्यों और मौलिक कर्तव्यों पर वेबिनार / वार्ता का आयोजन किया गया। इसके अलावा, भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए सभी एनवाईकेएस युवा स्वयंसेवकों को ऑनलाइन लिंक प्रदान किया गया जहां से वे देश भर में इसका प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

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Politics · National · Social

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