Oct 24, 2020
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नागालैंड के लिए जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की मध्यावधि समीक्षा

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नागालैंड में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की योजना और कार्यान्वयन पर एक मध्यावधि समीक्षा बैठक आज आयोजित की गई, जिसमें नागालैंड के अधिकारियों ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन टीम के समक्ष प्रगति को प्रस्तुत किया। जल जीवन मिशन (जेजेएम) भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराना है। मिशन का लक्ष्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण घर को सुरक्षित पेय जल उपलब्ध करा कर उनके जीवन में सुधार लाना है। ग्राम/बस्ती स्तर पर विकेंद्रीकृत, मांग-संचालित, समुदाय-प्रबंधित जल आपूर्ति योजनाओं को पेज जल के क्षेत्र में रूपांतरकारी कार्यक्रम के रूप में देखा जाता है।

नागालैंड के 1,502 गांवों में 1,351 गांवों में पाइप जल आपूर्ति (पीडब्ल्यूएस) प्रणाली है, जिसके माध्यम से 3 लाख जल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इस प्रकार, ऐसी योजनाओं का पुन:संयोजन/संवर्धन 1.47 लाख एफएचटीसी के वार्षिक लक्ष्य को सुनिश्चित करेगा। एकमात्र आकांक्षी जिले किफिरे के 111 गांवों में 83 गांव (75 प्रतिशत) में पीडब्ल्यूएस है। इसके अतिरिक्त, इसजिले के 15,845 घरों में 13,478 घरों (85 प्रतिशत) में पीडब्ल्यूएस उपलब्ध है और शेष घरों को नल कनेक्शन प्रदान करा दिया जाएगा। बचे हुए घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए वर्तमान जल आपूर्ति प्रणालियों के पुन:संयोजन/संवर्धन पर फोकस करने के साथ समय सीमा के अंदर मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने उचित नियोजन की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य के अधिकारियों को कार्यान्वयन में तेजी लाने की सलाह दी।

ग्राम स्तर पर किए जाने वाले नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा विभिन्न कार्यक्रमों, जैसे मनरेगा, एसबीएम, पीआरआई को मिलने वाले 15वें वित्त आयोग के अनुदान, सीएएमपीए निधियां, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि के सम्मिलन द्वारा सभी उपलब्ध संसाधनों के परस्परानुबंधन से ग्राम कार्य योजना (वीएपी) को तैयार किया जाना है। पेय जल सुरक्षा की प्राप्ति हेतु दीर्घ-कालिक संधारणीयता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय ग्राम समुदाय/ग्राम पंचायतों और/या गांवो में जल आपूर्ति का नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में लगे प्रयोगकर्ता समूह को सम्मिलित करने पर विशेष ध्यान दिया गया। सभी गांवों में सामुदायिक तैयारी के साथ आईईसी अभियान आरम्भ करने का आग्रह किया गया।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्थानीय समुदाय को सम्मिलित करने के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जल गुणवत्ता निरीक्षण पर प्राथमिकता दी जानी है। 5 व्यक्तियों विशेषरूप से महिलाओं को प्रत्येक गांव में जल की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु फील्ड टेस्ट किट का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना है। प्रत्येक स्रोत का भौतिक और रासायनिक मानदण्डों के लिए वर्ष में एक बार और जीवाणु-संबंधी दूषण के लिए दो बार परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है। राज्य को सलाह दी गई है कि इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने का साथ-साथ अगले 3-4 महीनों में राज्य एवं जिला प्रयोगशालाओं को आधिकारिक मान्यता देने के कार्य को पूरा कर लिया जाए और उन्हें आम लोगों के लिए भी खोला जाय जिससे वे मामूली दर पर आपूर्ति किए गए जल की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकें।

2020-21 के दौरान, जेजेएम के अंतर्गत नागालैंड को ₹114.09 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसमें ₹28.52 करोड़ राज्य के लिए जारी कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण स्थानीय निकायों को मिलने वाले 15वें वित्त यायोग के अनुदान के अंतर्गत नागालैंड को 2020-21 में ₹125 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसका 50 प्रतिशत अनिवार्य रूप से पेज जल आपूर्ति एवं स्वच्छता गतिविधियों पर उपयोग करना है।

राज्य से अनुरोध किया गया कि 2 अक्टूबर, 2020 को आरम्भ किए गए विषेश 100 दिवसीय अभियान के भाग के रूप में सभी आगनवाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में पाइप जल आपूर्ति प्राप्त कराना सुनिश्चित किया जाय, जिससे इन संस्थाओं में पेय जल उपलब्ध हो।

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Environment & Nature · National · Social

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