Jan 22, 2021
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इबादत करूँगी

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उन्हें देखकर जब इबादत करूँगी ।
तभी तख़्त-ए-क़ल्ब राहत करूँगी ।

अभी बैठ माँ-बाप के पास में फ़िर
ख़ुदा से ख़ुदा की शिकायत करूँगी ।

ग़मो दर्द भी मुस्कुराकर चलेंगे ।
ग़मो दर्द से भी शरारत करूँगी ।

अमीरों को फिर सब भिखारी कहेंगें
खुले जब मिरे दर्द-दौलत करूँगी ।

चुभी सिर्फ़ ये ज़िन्दगी है मुझे तो
मैं तो ज़िन्दगी से बग़ावत करूँगी ।

वैशाली बारड

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Literature

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