May 7, 2021
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कुछ तो गडबड है

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पता नहीं चल पाता पर
परेशानी हो रही है
कुछ तो गडबड है,

दाक्तर ने खुन का Report करवाने को कहा
लं….बे समय से खुन लेकर गया वो
रिपोर्ट अभी तक आया नहीं
कुछ तो गडबड है,

खून की नदियाँ बह रही है
उसके पास वाली –
– वो लाल दिवाल भी गीर रही है
नदियों में आज कुछ अलग है
कुछ तो गडबड हैं,

जमाने भर की परेशानियों को साथ लेकर चल रहे हैं
परेशानियों का कोई हल नहीं मिल रहा
कुछ तो गडबड हैं,

चेहरा दिखाते नहीं है
अपनी पहचान छुपाते फिर रहा है
चेहरे को दिखाने का सैलाब कुछ अलग है
कुछ तो गडबड है ,

T.V. चलाने को जी ललचाया
Outlet में Plug भी डाला और Switch भी करदी On
पर अबतक T.V. चालु हुआ ही नहीं
कुछ तो गडबड हैं,

दोस्त को मिलने गएँ घर पे
दोस्त तो साथ में ही था अपने
घर में गएँ
चाय भी पी पर
दोस्त तो मिला ही नहीं
कुछ तो गडबड हैं,

अपने किए का कुछ अंदाज नहीं है
क्या गलत क्या सही, फर्क मालूम नहीं है
अपने दिए हुए अल्फाज़ अलग है
कुछ तो गडबड हैं,

बहोत खाएं थे समोसे
पेट में थनगनाहट मची है
कुछ तो गडबड हैं,

खाई अजवाईन की गोली और
नींबू-सोडा भी पी बहुत
फिर भी
डकार साली अभी तक आईं हीं नहीं
कुछ तो गडबड हैं,

संकेत व्यास (ईशारा)

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Literature

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