May 1, 2021
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नेटाफिम एग्रीकल्चरल फाइनेंसिंग एजेंसी (NAFA) ने इक्विटी और ECB के माध्यम से 50 मिलियन डॉलर जुटाए

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नेटाफिम एग्रीकल्चरल फाइनेंसिंग एजेंसी प्रा. लि. (NAFA) ने जो की देश में कृषि ऋण पर विशेष ध्यान देनेवाली एन बी एफ सी तथा नेटाफिम सिंगापुर की सब्सिडियरी कंपनी है, इज़राइल के दो प्रतिष्ठित निवेशकों – फीनिक्स ग्रुप और कॉगिटो कैपिटल से एक्सटर्नल कमर्सिअल बोर्रोविंग (ECB) के द्वारा 40 मिलियन डॉलर की धनराशि जुटाने की घोषणा की है। इस निवेश का इस्तेमाल कंपनी द्वारा कारोबारी विस्तार तथा कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में अपने क्षितिज को बढ़ाने के लिए प्रभावी ढंग से किया जाएगा। इस राशि द्वारा कंपनी अपने मार्जिन में सफलतापूर्वक सुधार लाने तथा पुराने ऋण की भरपाइ कर, अपने निधियों की कुल लागत में कटौती लाने का लक्ष्य रखती है।

इस सौदे के अंतर्गत NAFA ने हालही में नेटाफिम सिंगापोर से 9.4 मिलियन डॉलर टीयर-I कैपिटल के तहत जुटाए है, जिसका उपयोग कंपनी ने प्रारंभिक इक्विटी पार्टनर आत्माराम प्रॉपर्टीज और ग्रेनाइट हिल फंड के निवेश के भुगतान हेतु किया। यह फीनिक्स ग्रुप और कॉगिटो कैपिटल द्वारा भारत एवं NAFA में पहला निवेश है। इस सौदे के द्वारा दोनों निवेशकों ने नेटाफिम सिंगापुर में हिस्सेदारी हासिल की है।

NAFA ने वर्ष 2013 में RBI से एन बी एफ सी लाइसेंस हासिल किया था और तब से लेकर अब तक देश के 08 राज्यों में कंपनी ने अपने बिज़नेस का विस्तार किया है। NAFA ने अब तक 10,000 से अधिक ग्राहकों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन उपलब्ध कराया है, जिसमे से 60 प्रतिशत ग्राहक अधिकांशतः छोटे और सीमांत किसान हैं। अब कंपनी अपने नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ ग्राहकों की दीर्घकालिक ऋण जरूरतों के लिए इससे जुड़ी गतिविधियों में विविधता लाने का लक्ष्य रखती है।

मौजूदा प्रगति पर टिप्पणी करते हुएलॉरी एहनोवरसीएफओनेटाफिमने कहा, “कोविड-19 महामारी के चलते, भारत आर्थिक स्थिति के सुधार हेतु एवं आत्मनिर्भरता को गति देते हुऐ, कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि आधुनिकीकरण पर अग्रसर है। जबकि भारतीय कृषि सेक्टर बेहद खंडित है, औपचारिक वित्तीय संस्थाएँ ऋण की मांग को पूरा करने में असमर्थ है। ड्रिप इरिगेशन के इनोवेटर होने के साथ-साथ पिछले 57 वर्षों से दुनिया भर में नेटाफिम ने प्रिसिशन इरिगेशन की सेवाएं उपलब्ध कराई हैं  | नेटाफिम-समर्थित NAFA में इक्विटी को शामिल करना हमारे व्यापारिक सिद्धांन्तों के अनुरूप है, जिसके  तहत खेती में ड्रिप इरिगेशन को अपनाने में ग्राहकों की सहायता करना है | इस इक्विटी इन्फ्यूश़न से NAFA को अपनी पूंजी पर्याप्तता को मजबूत बनाने तथा बाजार में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने में मदद मिलेगी। हम फीनिक्स ग्रुप और कॉगिटो कैपिटल के साथ साझेदारी करके खुश हैं जिन्होंने भारत तथा NAFA में पहली बार निवेश किया है।”

प्रभात चतुर्वेदीसीईओनेटाफिम एग्रीकल्चरल फाइनेंसिंग एजेंसी प्रालिने कंपनी की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा सामान्य तौर पर देखा जाए तो, भारतीय खेती में प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल परिस्तिथियों के चलते किसानों को कम व अनिश्चित आय में व्यापन करना पड़ता है। परिणामस्वरूप उन्हें सदैव ऋण की आवश्यक्ता रहती है। जलवायु के प्रभाव को न्यूनतम करने वाली एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल हेतु फाइनेंसिंग की अच्छी योजनाओं की जरूरत और बढ़ गई है। फाइनेंसिंग के विभिन्न साधनों की मौजूदगी के बावजूदकिसानों की मांगों को पूरा करने के लिए ऋण देने वाले पर्याप्त उत्पाद उपलब्ध नहीं हैंजिससे ऋण की मांग और उपलब्धता में बड़ा अंतर है। भारत मेंकृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में निवेश हेतु किसानों को वित्तीय मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए पर्याप्त सहायता के साथसाथ विभिन्न प्रकार की ऋण योजनाओं की जरूरत है।

पिछले एक दशक से NAFA इस क्षेत्र को कुशलतापूर्वक अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है, उसकी जरूरतों को समझ रहा है तथा उसे सही वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इस निवेश के साथ ही, NAFA अपने क्रेडिट लेंडिंग पोर्टफोलियो का विस्तार करेगा तथा माइक्रो-इरीगेशन के दायरे से आगे निकलते हुए एग्री-रूरल डोमेन की सीमाओं को बढ़ाएगा । हम अपनी प्रगति तथा कृषि क्षेत्र की पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इस पूंजी से हमें बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने तथा बड़े पैमाने पर समुदायों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।”

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Agriculture · Business · Share Market

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