Jun 17, 2021
447 Views
0 0

ब्लैक फंगस को रोकने में प्रभावी है लिविंगार्ड मास्क, बायोटेक टेस्टिंग सर्विसेस (बीटीएस) लेबोरेटरी ने किया प्रमाणित

Written by

मुंबई स्थित बायोटेक टेस्टिंग सर्विसेस (बीटीएस) लेबोरेटरी ने प्रमाणित किया है कि ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के खिलाफ लिविंगार्ड मास्क प्रभावी हैं। स्विट्ज़रलैंड स्थित हाइजीन टेक्नोल़ॉजी कंपनी लिविंगार्ड एजी ने साल 2020 में उनका एंटीवायरल फेस मास्क लॉन्च किया था जिसके बारे में यह ग़ौर किया गया था कि यह अपनी तरह का अनोखा मास्क है जो एसएआरएस-सीओवी2/कोविड-19 वायरस सहित बैक्टीरिया और वायरसों को नष्ट कर सकता है।

देश भर में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच, भारत में ब्लैक फंगस के 28,252 से ज़्यादा (7 जून के आँकड़े) रिपोर्ट किए गए मामलों के साथ म्यूकरमाइकोसिस तेजी से देश में अगले सबसे बड़े खतरे के रुप में उभर कर सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के 28,252 मामलों में से 86% संक्रमणों में कोविड-19 का इतिहास रहा है और 62.3% में डाइबिटीज़ का इतिहास रहा है। इसी के मद्देनज़र, भारत सरकार ने भी राज्यों से ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी घोषित करने के लिए कहा है और इस तरह इसे महामारी रोग अधिनियम 1897 के अंतर्गत अधिसूच्य रोग बना दिया गया है।
श्री संजीव स्वामी, संस्थापक, आविष्कारक और सीईओ, लिविंगार्ड एजी ने कहा, “आधुनिक विश्व के लिए योग्य हाइजीन/स्वच्छता उपलब्ध कराना हमेशा से हमारा मिशन रहा है। इसलिए जब हमने भारत में म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों के बारे में सुना तो हमने तेज़ी से बायोटेक टेस्टिंग सर्विसेस (बीटीएस) लेबोरेटरी में हमारे लिविंगार्ड ट्रीटेड मास्क का परीक्षण करवाया और नतीजों में फंगस की रोकथाम के लिए इसे पॉजीटिव पाया गया। हम नतीजों से खुश हैं, और हमें लिविंगार्ड मास्क की विशेषताओं पर दृढ़ता से भरोसा है जो इसके उपयोगकर्ताओं को अभूतपूर्व स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसे लोग जिनमें अन्य बीमारियाँ हैं
और जो हाल ही में कोविड संक्रमण से ठीक हुए हैं वे इस खतरनाक फंगस के खिलाफ स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए इस मास्क को पहन सकते हैं।”

भारत के सबसे सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक पद्म विभूषण, डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा, “ रोग प्रतिरोध करने में अक्षम ऐसे मरीज़ों के लिए, जो गंभीर डायबिटीज़, एचआईवी/एड्स, कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं या हाल ही में कोविड संक्रमण के बाद ठीक हुए हैं, लिविंगार्ड मास्क पहनना और यह जानना की म्यूकरमाइकोसिस से उनकी रक्षा हो सकती है, एक बहुत बड़ी राहत है।

मास्क के संपर्क में आने पर म्यूकरमाइकोसिस को निष्क्रीय करने वाली यह वैज्ञानिक खोज एक वैश्विक गेम चेंजर साबित हो सकती है; लिविंगार्ड पीआरओ या अल्ट्रा मास्क को पहनने से जीवन की रक्षा की जा सकती है, कोविड मरीज़ों में लंबे समय तक संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है और काफी तेज़ी से सामान्य जीवन में लौटना उनके लिए संभव हो सकता है।” फेस मास्क, टी-शर्ट, फिल्ट्रेशन कैंडल्स, मेडिकल कपड़े, हैंड ग्लोव्ज़, सैनिटरी पैड्स जैसे स्वयं को विसंक्रमित करने वाले उत्पादों के डिज़ाइन, अनुसंधान एवं विकास की व्यापकता के लिए लिविंगार्ड उत्पाद ISO 9001:2015 प्रमाणित हैं। वर्तमान में लिविंगार्ड इस टेक्नोलॉजी को उन सॉल्यूशन्स में लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो लोगों को उन्हें सुरक्षित रखकर, काम पर लौटने, और वापस सामान्य जीवन में लौटने के लिए सक्षम बनाकर स्वास्थ्य के खतरों और संकट के आर्थिक प्रभाव को कम करते हैं।

लिविंगार्ड मास्क विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरसों के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं, और अब ब्लैक फंगस के खिलाफ
साबित हो चुके इसके प्रभावीपन के साथ यह निश्चित हो गया है कि कोविड-19 और इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के खिलाफ
अनेक मोर्चों पर लड़ाई करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

Article Categories:
Business · Healthcare

Leave a Reply