मौन योगी हरि प्रियंका रॉय ने कहा, जब सब खो जाता है, तब सब कुछ मिल जाता है, सब कुछ मौन साधना से ही मिलता है
केवल कुछ खुशकिस्मत लोगों को प्रबुद्ध रूप से ज्ञान मार्ग की प्राप्ति होती है और वह मुक्ति के मार्ग पर चल पड़ते हैं। इस मार्ग पर चलने के लिए हरि प्रियंका रॉय को ईश्वर ने खुद चुना है। उन्होंने 7 साल की उम्र में बाल कलाकार या मॉडल के रूप में काम किया। 15 साल की उम्र तक तक वह ये काम करती रहीं। उन्होंने 11 वर्ष की अवस्था में जीवन के संबंध में और गहराई से जानने के लिए घर छोड़ दिया।
उन्होंने अपने बचपन में मार्शल आटर्स में 2 गोल्ड मेडल हासिल किए। उन्होंने ननचाकू, डंडे और तलवारों की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने इंडो-फ्रेंच फिल्म में प्रमुख किरदार निभाया है।
अचानक ही उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया और अपने को परम पिता परमात्मा को समर्पित कर दिया। हरि प्रियंका रॉय ने खुलासा किया कि वह भगवान के सामने समर्पण के लिए सही समय की तलाश कर रही थीं और अब वह समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि समाज ने हमें अब तक जो कुछ सिखाया है, उसी ढर्रे पर लगातार चलते-चलते हम एक तरह से कैदी बन गए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की किताबों में दी गई जानकारी और ज्ञान काफी सीमित है। हम इस उलझन या भूलभुलैया में अपनी सही राह को छोड़ते जा रहे हैं।
उन्होंने हंसते हुए कहा, “हर व्यक्ति मूर्तियों में भगवान को खोजता है क्योंकि वह भगवान की बनाई गई सृष्टि में रोजाना परमात्मा का अहसास नहीं कर पाता। जब हमारी अंतरात्मा उच्च स्तर तक जागृत हो जाती है, वही अवस्था ईश्वर की प्राप्ति कहलाती है। जो लोग दूसरे व्यक्तियों या परम पिता परमात्मा की बनाई गई सृष्टि में भगवान देखते हैं, उन्हें मोक्ष का मार्ग मिल जाता है। दूसरे लोग तब तक जन्म-मरण के चक्र को लगातार दोहराते रहेंगे, जब तक कि उन्हें यह महसूस नहीं हो जाता कि जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष है।
हालांकि उनकी मौजूदगी में उनके दर्शन करने मात्र से चमत्कार होने की कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन वह इसकी मार्केटिंग नहीं करना चाहती और न ही इसे बिजनेस बनाना चाहती हैं।
हरि प्रियंका रॉय का शीश अपने गुरुओं, नीम करौली बाबा और महावतार बाबा जी के सामने झुकता है। हालांकि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलीं, लेकिन वह उनकी मौजूदगी को हमेशा महसूस कर सकती हैं। मौन योगी और संत हरि ने कहा कि मौन से ही सब कुछ सृजित होता है। उन्होंने हर किसी से इस तथ्य को समझने की अपील की कि मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष है।