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इतने साल बाद अंतरिक्ष के कब्रिस्तान में दफन होगा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन, पहले से मौजूद हैं 263 कब्रें!

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (US Space Agency NASA) ने धरती के ऑर्बिट में मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) की उल्टी गिनती शुरू कर दी है। साल 2031 में आईएसएस प्रशांत महासागर में दुर्घटनाग्रस्त होकर अपने स्पेस ऑपरेशन को समाप्त करेगा। हाल ही में नासा ने इसे लेकर अपनी व्यापक योजना के बारे में विस्तार से बताया है। आईएसएस को अंतरिक्ष का कब्रिस्तान कहे जाने वाले प्वाइंट निमो (Point Nemo) में क्रैश किया जाएगा जो प्रशांत महासागर का एक दूरस्थ इलाका है। इंटरनेशनल

 

 

 

 

स्टेशन ट्रांजिशन रिपोर्ट के अनुसार, नासा के बजट अनुमानों के मुताबिक जनवरी 2031 में आईएसएस को डी-ऑर्बिट किया जाएगा यानी कक्षा से बाहर निकाला जाएगा। एक बार कक्षा से बाहर आने के बाद, स्पेस स्टेशन प्वाइंट निमो में स्पलैश लैंडिंग से पहले प्रशांत महासागर के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा। प्वाइंट निमो भूमि से करीब 2700 किमी की दूरी पर स्थित एक समुद्री इलाका है।

 

 

अंतरिक्ष का कब्रिस्तान है प्वाइंट निमो

 

 

प्रशांत महासागर के प्वाइंट निमो क्षेत्र को अंतरिक्ष के कब्रिस्तान के रूप में जाना जाता है। इस्तेमाल पूरा होने के बाद रिटायर्ड स्पेस स्टेशनों और स्पेसक्राफ्ट्स को इस इलाके में हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाता है। इस इलाके का नाम फ्रांसीसी उपन्यासकार जूल्स वर्ने के ट्वेंटी थाउजेंड लीग्स अंडर द सी के प्रसिद्ध पनडुब्बी नाविक के नाम पर रखा गया है। यह समुद्र में वह स्थान है जो भूमि से सबसे दूर है।

 

 

प्वाइंट निमो में दफन 263 से अधिक अंतरिक्ष मलबे

 

 

अमेरिका, रूस, जापान और यूरोपीय देशों जैसे स्पेस लवर्स ने 1971 के बाद से इस साइट पर 263 से अधिक अंतरिक्षयानों के मलबे को कथित तौर पर डुबोया है। यह क्षेत्र न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से लगभग 4828 किमी और अंटार्कटिका के उत्तर में 3218 किमी दूर है। द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार प्वाइंट निमो में डूबे अंतरिक्ष मलबों में सोवियत काल का मीर अंतरिक्ष स्टेशन, जापान के एचटीवी कार्गो क्राफ्ट, रूसी सैल्यूट अंतरिक्ष स्टेशन, रशियन प्रोग्रेस ऑटोनॉमस रिसप्लाई शिप्स, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के ऑटोमेटेड ट्रांसफर व्हेकिल्स शामिल हैं।

 

 

स्पेस स्टेशन का हिस्सा बन चुके हैं 200 अंतरिक्ष यात्री

 

फुटबॉल के आकार की स्पेस लैब आईएसएस धरती से करीब 420 किमी की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है। इसमें 19 अलग-अलग देशों के 200 से अधिक अंतरिक्ष यात्री रिसर्च और मिशन के उद्देश्य से सवार हो चुके हैं। यह स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में लगातार मानव उपस्थिति को बनाए रखता है। नासा का कहना है कि व्यावसायिक रूप से संचालित स्पेस प्लेटफॉर्म साइंटिफिक रिसर्च के लिए आईएसएस की जगह लेंगे।

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