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एलआईसी के आईपीओ को आकर्षक बनाने के लिए सरकार उठा रही है ये कदम, पढ़ें डिटेल्स.

एलआईसी के आईपीओ को आकर्षक बनाने के लिए कदम उठा रही है सरकार, पढ़िए डिटेल्स…….

 

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार सॉवरेन वेल्थ एंड पेंशन फंड के पास पहुंच रही है, जो शायद भारत का है अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ। नाम हैं कतर निवेश प्राधिकरण, सिंगापुर के जीआईसी, कनाडा के तीन पेंशन फंड और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण।

 

एक अधिकारी का कहना है कि सरकार इन निवेशकों को आईपीओ की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है क्योंकि ये सभी फंड सूचीबद्ध होने के बाद भी लंबे समय तक कंपनी में बने रहते हैं। गौरतलब है कि इन निवेशकों ने एलआईसी के आईपीओ में भी दिलचस्पी दिखाई थी। इसके अलावा, कुछ प्रमुख सॉवरेन फंडों ने आईपीओ में रुचि दिखाई है, अधिकारी ने कहा। इस आईपीओ में निवेशक बनने की चर्चा काफी लंबी चली है।

 

180 संभावित निवेशकों से संपर्क करें

इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईपीओ के लिए लगभग 180 संभावित एंकर निवेशकों से संपर्क किया गया है। इसके अलावा कई बड़े विदेशी निवेशकों को भी इस आईपीओ में निवेश करने की जरूरत होगी। गौरतलब है कि इस आईपीओ पर पिछले वित्त वर्ष में चर्चा हुई थी, हालांकि अब इसके मई में आने की उम्मीद है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एंकर निवेशक आईपीओ में कितना निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह तभी स्पष्ट होगा जब उन्हें आईपीओ के निर्गम मूल्य के बारे में बताया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक, प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।

मूल्यांकन में संभावित कटौती

मिंट के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार अपने पब्लिक ऑफरिंग के वैल्यूएशन को 30 फीसदी तक कम कर सकती है। एलआईसी के आईपीओ में देरी का मुख्य कारण रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न भूराजनीतिक परिदृश्य है। हालांकि, ऐसी खबरें आई हैं कि सरकार अभी तक एलआईसी का बाजार मूल्यांकन नहीं कर पाई है, जिससे आईपीओ का मूल्य निर्धारित हो सके।

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