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कलर्स ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर अपने आगामी सोशल ड्रामा – ‘डोरी’ का पहला लुक जारी किया

सामाजिक रूप से प्रासंगिक शो को सामने लाने और रूढ़िवादिता को चुनौती देने की अपनी सहज प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध, भारत का अग्रणी एचजीईसी कलर्स ‘डोरी’ नामक एक और विचारोत्तेजक सोशल ड्रामा लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस आगामी शो में जिन सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा की जाती है, वह कई परित्यक्त लड़कियों की वास्तविकता को छूती है जिन्हें उनके माता-पिता नहीं अपनाते हैं। पितृसत्तात्मक समाज में ये लड़कियां माता-पिता की पहली पसंद नहीं हैं। यह लैंगिक असमानता लोगों के मन में घर कर गई है, जिन्हें महिलाओं के प्रति अपना नज़रिया बदलना होगा और ज़मीनी स्तर पर उनकी शक्ति को पहचानना होगा। इस भेदभाव पर चर्चा करते हुए, ‘डोरी’ ऐसी कहानी पेश करता है जिसमें मानसिकता को प्रभावित करने की क्षमता है, जिससे सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है।

 

यह शो छह साल की प्यारी बेटी डोरी की कहानी है, जो बनारस के बुनकर मोहल्ले में अपने पालक पिता गंगा प्रसाद के साथ रहती है। गंगा प्रसाद एक अनुरागी पिता है, जिसने डोरी को उत्तम आदर्शों के साथ पालने को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है, और जिसके रचनात्मक अस्थायी समाधान यह सुनिश्चित करते हैं कि उसकी बेटी सुविधाओं की कमी महसूस न करे।

 

शो ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर अपना पहला विचारोत्तेजक प्रोमो जारी किया और अपने मुख्य पात्रों डोरी, गंगा प्रसाद और कैलाशी देवी का परिचय दिया। इस प्रोमो की शुरुआत डोरी के एक दिल छू लेने वाले दृश्य से होती है, जिसमें वह साड़ी मोड़ने में अपने शारीरिक रूप से अक्षम पिता की मदद कर रही दिखती है। वह उनसे पूछती है कि उसे पवित्र गंगा में किसने छोड़ दिया और उसके पिता ने उत्तर दिया कि जिन्होंने ऐसा किया वे दुर्भाग्यशाली थे। जबकि गंगा प्रसाद बेटी पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं, वहीं दूसरी ओर वाराणसी के हथकरघा साम्राज्य की सबसे प्रभावशाली महिला कैलाशी देवी बेटियों को अयोग्य मानती हैं। पितृसत्ता की प्रचारक, कैलाशी देवी रूढ़िवादी नज़रिया रखती है, जो एक प्रगतिशील लड़की डोरी से भिन्न है, क्योंकि डोरी लैंगिक समानता में विश्वास करती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दो प्रतिस्पर्धी विचारधाराओं का टकराव दर्शकों के लिए क्या पेश करता है।

 

इस शो में अनुभवी अभिनेत्री सुधा चंद्रन कैलाशी देवी के रूप में, बहुमुखी अभिनेता अमर उपाध्याय गंगा प्रसाद के रूप में, और बाल कलाकार माही भानुशाली युवा डोरी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

 

कैलाशी देवी ठाकुर की भूमिका निभाने के बारे में, अनुभवी अभिनेत्री सुधा चंद्रन कहती हैं, “कलर्स पर कई यादगार और पसंदीदा शो का हिस्सा बनने के बाद, मैं डोरी के लिए दुबारा चैनल के साथ काम करने को लेकर रोमांचित हूं। मैं एक पारंपरिक बनारसी महिला कैलाशी देवी ठाकुर का किरदार निभाती नज़र आऊंगी, जो अपने घर में पितृसत्ता पर ज़ोर देते हुए पारिवारिक व्यवसाय चलाती है। यही बात मुझे कैलाशी देवी को पर्दे पर जीवंत करने के लिए उत्साहित करती है। दर्शकों ने मेरे सभी शो को बहुत प्यार दिया है और मेरे हर किरदार की सराहना की है। मुझे उम्मीद है कि वे डोरी कीे भी उतना ही प्यार देंगे।”

 

गंगा प्रसाद की भूमिका निभाने के लिए तैयार, अमर उपाध्याय कहते हैं, “मैं डोरी में गंगा प्रसाद की भूमिका निभाने को लेकर रोमांचित हूं। वह एक अनुरागी पिता है, जो विकलांग होने के बावजूद अपनी बेटी को सर्वश्रेष्ठ जीवन देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मैंने पहले कभी भी इस तरह की भूमिका नहीं निभाई है और यह मेरे प्रशंसकों को हैरान कर देगी। कलर्स के साथ दोबारा जुड़कर मुझे बेहद खुशी हो रही है, और मैं चैनल का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे एक ऐसे शो में शामिल होने का यह अद्भुत अवसर दिया, जो पिता और बेटी के प्यारे बंधन के माध्यम से लैंगिक असमानता से संबंधित महत्वपूर्ण सामाजिक संवाद को बढ़ावा देगा। मुझे उम्मीद है कि यह शो दर्शकों का दिल जीत लेगा और दर्शक मुझे एक प्यारे पिता के रूप में अपनाएंगे।”

 

 

भारत में आज भी लाखों लड़कियों को पैदा होते ही छोड़ दिया जाता है,

इस अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस

कलर्स की आवाज़ है उन लड़कियों के साथ

और इस छोटी सोच के ख़िलाफ़।

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