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कहा रहने का स्थान योग्य है ? क्या कहना है चाणक्य का ?

आज हमें चाणक्य की पुस्तक “चाणक्य नीति” से एक नई सिख मिली है। आज हम समझेंगे कि वो सिख क्या है। चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को कहाँ रहना चाहिए और कहाँ से प्रस्थान करना चाहिए।

चाणक्य ने कहा कि मनुष्य को उस स्थान को छोड़ देना चाहिए जहां उसे नए ज्ञान, नए सिख, नए रिश्ते या नए दोस्त नहीं मिले। वहां रहना उचित नहीं है।

लेकिन हमें एक ऐसी जगह पर जाना चाहिए जहाँ हम इन सभी चीजों को हासिल कर सकें। या स्थान उपयुक्त नहीं हो सकता है।

तो अब से, उसी जगह पर रहें जहां हम कुछ नया सीख सकते हैं या नए दोस्त बना सकते हैं। चाणक्य के इस सिख को हमेशा याद रखना चाहिए।

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