Site icon Khabaristan

केरल उच्च न्यायालय में 4 नए अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति

राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति के तहत, एस / श्री मुरली पुरुषोत्तमन, ज़ियाद रहमान अलवक्कट अब्दुल रहीमन, करुणाकरण बाबू और डॉ. कौसर एडप्पागाथ को केरल उच्च न्यायालय में दो साल की अवधि के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया है। नियुक्तियां, पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होंगी। इस संबंध में विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के न्याय विभाग द्वारा आज अधिसूचना जारी की गई है।

श्री मुरली पी, एलएलबी को 09 मार्च, 1991 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत किया गया था। उनके पास 28 साल का अनुभव है और वे 11 मार्च, 1991 से 16 जुलाई, 2019 तक केरल उच्च न्यायालय में चुनाव कानून, परिवार कानून, श्रम कानून, सहकारी समिति कानून, अनुबंध कानून, संवैधानिक कानून और सेवा कानून संबंधी मामलों में अधिवक्ता के रूप में कार्य करते रहे हैं। चुनाव और सेवा कानून में उनकी विशेषज्ञता है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग, केरल के परिसीमन आयोग, स्व-वित्तपोषक व्यावसायिक कॉलेजों के लिए प्रवेश और शुल्क नियामक समिति के वकील के रूप में कार्य किया है और वे 2001 में केरल उच्च न्यायालय में सरकारी वकील भी रहे थे।

श्री ज़ियाद रहमान एए, बीए, एलएलबी को केरल के उच्च न्यायालय में वकालत करने का 22 साल का अनुभव है और वे संवैधानिक, सिविल, भूमि कानून, बिजली अपराध, बैंकिंग, मोटर वाहन, बीमा, श्रम, कंपनी, उपभोक्ता, प्रशासन, नगर पालिका, कराधान, किराया नियंत्रण कानून संबंधी मामलों में अधीनस्थ न्यायालयों तथा न्यायाधिकरण के सामने भी पेश हुए हैं। बिजली कानून, मोटर वाहन कानून, बीमा अधिनियम, कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, संवैधानिक मामलों में उनकी विशेषज्ञता है।

श्री के बाबू, एमए (अर्थशास्त्र), एलएलबी, एलएलएम 21 मई, 2009 को अतिरिक्त जिला जज-I के रूप में न्यायिक सेवा में शामिल हुए और न्यायिक अधिकारी के रूप में उन्होंने विभिन्न स्थानों पर विभिन्न क्षमताओं में सेवा प्रदान की है। वर्तमान में, वे तिरुवंतपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश के रूप में सेवारत हैं तथा इसके अलावा उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष के रूप में 19 नवम्बर, 2018 से नियुक्ति दी गयी है।

डॉ. कौसर एडप्पागाथ, बीए (कानून), एलएलबी, एलएलएम, पीएचडी 21 मई, 2009 को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में न्यायिक सेवा में शामिल हुए और एक न्यायिक अधिकारी के रूप में उन्होंने विभिन्न स्थानों पर विभिन्न क्षमताओं में सेवा प्रदान की है। वर्तमान में, वे 08 जनवरी, 2018 से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में / राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण, एर्नाकुलम में कार्यरत हैं।

Exit mobile version