कोई क़िस्त है जो अदा नहीं है
साँस बाक़ी है और हवा नहीं है
नसीहतें, सलाहें, हिदायतें तमाम
प्रिस्क्रिप्शन है पर दवा नहीं है
आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के
मंज़र सचमुच अच्छा नहीं है
हरेक शामिल है इस गुनाह में
क़ुसूर किसी एक का नहीं है।
अज्ञात
कोई क़िस्त है जो अदा नहीं है
साँस बाक़ी है और हवा नहीं है
नसीहतें, सलाहें, हिदायतें तमाम
प्रिस्क्रिप्शन है पर दवा नहीं है
आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के
मंज़र सचमुच अच्छा नहीं है
हरेक शामिल है इस गुनाह में
क़ुसूर किसी एक का नहीं है।
अज्ञात