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गांधी जयंती की पूर्व-संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गांधी जयंती की पूर्व-संध्या पर राष्ट्र के नाम निम्नलिखित संदेश दिया है।

 

अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “महात्मा गांधी की 153वीं जयंती के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों की ओर से राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

 

गांधी जयंती हम सभी के लिए उनके प्रेरक जीवन के मूल्यों – शांति, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का अवसर है। इस वर्ष इसे मनाना एक विशेष महत्व रखता है क्योंकि राष्ट्र स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह समय हम सभी के लिए गांधीजी के सपनों के भारत को आकार देने की दिशा में काम करने का है।

 

एक सदी पहले, गांधीजी ने स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर जोड़ देने के अपने आह्वान से लाखों लोगों को प्रेरित किया था। अभी जो एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण चल रहा है, वह महात्मा के दृष्टिकोण से प्रेरित है। यह उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है। एक स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत उनके सपनों का भारत है। इस संबंध में की गई पहल अब फल दे रही है।

 

जैसे ही हम आजादी की शताब्दी से पहले अमृत काल में प्रवेश करते हैं, यह जानकर खुशी होती है कि युवा पीढ़ी भी गांधीजी के कार्यों से प्रेरणा ले रही है। जब दुनिया अधिक से अधिक जटिल चुनौतियों का सामना करने जा रही है, तो उनका जीवन एक प्रकाशस्तंभ के रूप में निरंतर काम करता है, जिससे हमें व्यवधान के बीच समाधान की तलाश करने में मदद मिलती है।

गांधीजी ने पूरी मानवता को उसकी वास्तविक क्षमता दिखाई और करुणा की शक्ति को सिद्ध किया। आइए हम फिर से उनके मार्ग पर चलने, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने, आपसी सद्भाव को बढ़ावा देने और देश और दुनिया की प्रगति की दिशा में काम करने का संकल्प लें।”

 

 

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