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चिक्की और सानी बनाने के लिए काले और सफेद तिल की मौसमी मांग बढ़ी है

 

चिक्की और सानी बनाने के लिए काले और सफेद तिल की मौसमी मांग में उछाल चिकी और सकातनो राजा सानी बनाने के लिए तिल की मौसमी मांग बढ़ने के कारण, भावनगर के मार्केटिंग यार्ड में सफेद और काले तिल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं शहर और जिला। भावनगर और महुवा मार्केटिंग यार्ड में दिवाली के बाद सफेद और काले तिल की आय में धीरे-धीरे बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। दिवाली के बाद तिल के भाव में करीब 700 रुपए प्रति मन का इजाफा हो गया है। तिल के भाव में तेजी से ग्रीष्मकालीन बुवाई भी बढ़ेगी। मानसून के मौसम में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बारिश के कारण कीमती फसलों पर बारिश के कारण

 

सौराष्ट्र, गुजरात, भावनगर और भावनगर के विपणन केंद्रों में सफेद और काले तिल की कीमत बढ़ रही है। किसानों की मानें तो पिछले पांच सालों में तिल के भाव में खासी बढ़ोतरी हुई है। तिल की साल-दर-साल आपूर्ति फलफूल रही है। इससे पहले भारत में खरीफ में तिल की फसल ढाई लाख के आसपास होने का अनुमान था। वहीं, फसल तैयार होने के बाद इस साल तिल किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। लिहाजा तिल किसानों के मुनाफे की मात्रा बढ़ रही है और किसानों में खुशी का माहौल है।

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