Site icon Khabaristan

दर्शक हमें विषय वस्तु और भाषा की सीमाओं से परे कहानियां रचना सिखा रहे हैं” : आनंद पंडित

वरिष्ठ निर्माता पंडित का कहना है कि अब मनोरंजन की घिसी पिटी प्रथाओं को पार करने का समय आ गया है क्योंकि दर्शक अब कुछ नया देखना चाहते हैं

 

वरिष्ठ निर्माता आनंद पंडित इस समय विभिन्न भाषाओं और विषयों को लेकर फिल्में बनाने में व्यस्त हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दर्शकों को अब केवल एक ही तरह की कहानियां सुनने में दिलचस्पी नहीं रही । वे कहते हैं, “दर्शक अब नई तरह के विषय और कहानियां देखने के लिए आतुर हैं. वे किसी भी भाषा में रचित विषय का स्वागत करते हैं बशर्ते कि वह रोचक हो. अब इस बात से फर्क नहीं पड़ता की कोई फिल्म या शो, देश या दुनिया के किस हिस्से में बनाया गया हो. यह निर्माताओं के लिए एक स्पष्ट संकेत है की वे खुद को लीक से हटा कर एक नए रचनात्मक धरातल पर कदम रखें. दर्शक हमें विषय वस्तु और भाषा की सीमाओं से परे कहानियां रचना सिखा रहे हैं।”

पंडित इस बात से उत्साहित हैं कि वे क्षेत्रीय भाषाओं में कहानियों को कह कर अपने रचनात्मक क्षितिज का विस्तार कर रहे हैं. उन्हें लगता है की क्षेत्रीय कहानियों में वैश्विक स्तर तक जाने की क्षमता है। उनकी बहुप्रतीक्षित मराठी फिल्म ‘विक्टोरिया’ इसी कारण एक बड़े पैमाने पर बनाई जा रही है और मराठी सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। पंडित कहते हैं, “यह मेरा एकमात्र क्षेत्रीय प्रोजेक्ट नहीं है । मैं गुजराती सहित कई भाषाओं में भी कथानक रचने का प्रयास करता रहूंगा. अगर कोरिया में बनाये गए शो पूरे विश्व में धूम मचा सकते हैं तो कोई कारण नहीं है कि हमारी कहानियां ऐसा न कर पाएं. हमारे पास भावनाप्रधान विषय भी हैं, तकनीक भी और प्रासंगिक विषय भी ।”

 

 

 

Exit mobile version