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दुनिया के उन हिस्सों की कहानी, जहां कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज अभी नहीं पहुंची है

दुनिया के अमीर और बड़े देशों में कोरोना वैक्सीनेशन तेजी से चल रहा है तो कई देश अब भी वैक्सीन के इंतजार में हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि इस तरह के असमान वितरण से महामारी को काबू करने की कोशिशों को झटका लग सकता है. जानिए दुनिया के किन इलाकों को लेकर चिंता बढ़ रही है.

ऐसे वक्त में जब दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस का संक्रमण वापसी कर रहा है. केस बढ़ रहे हैं, वायरस के नए-नए स्ट्रेन ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, भारत, जापान, फिनलैंड समेत कई देशों में लगातार सामने आ रहे हैं. जो कि पहले के वेरिएंट से ज्यादा घातक भी हैं. ऐसे वक्त में दुनिया के देशों में एक और लड़ाई जारी है वैक्सीन को लेकर. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस इसे वैक्सीन नेशनलिज्म का नाम देते हैं और आने वाले खतरे को लेकर आगाह भी कर रहे हैं.

दुनिया में अभी 87 देशों में कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ है और 20 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी भी जा चुकी है लेकिन इससे भी कई गुणा ज्यादा आबादी अभी वैक्सीन की पहुंच से दूर है. रोज दुनिया में वैक्सीनेशन का औसत 6,502,853 है और अगर इस स्पीड में वैक्सीन लगाने का काम चलता रहा तो भी दुनिया भर की 75 फीसदी आबादी को दो डोज वैक्सीन लगाने में 4.8 साल का वक्त लग सकता है. एक्सपर्ट इसी समस्या को लेकर चिंता जता रहे हैं. इससे महामारी से निजात पाने में लंबा वक्त लग सकता है.

17 देश रेड जोन में अफ्रीका में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर दुनियाभर में चिंता है. बढ़ते केस और नए वेरिएंट को लेकर अफ्रीका के 17 देशों को ब्रिटेन ने रेड जोन में डाल दिया है. अंगोला, बोत्सवाना, बुरुंडी, केप वेरडे, डीआरसी, एसवैतिनी, लेसोथो, मलावी, मॉरिशस, मोजाम्बिक, नामीबिया, रवांडा, सेशेल्स, साउथ अफ्रीका, तंजानिया, जाम्बिया, जिम्बॉब्वे समेत कई देशों में बढ़ता खतरा और वैक्सीन तक पहुंच नहीं होना दूसरे देशों के लिए भी खतरे की बात साबित हो सकती है.

VR Niti Sejpal

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