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नया फॉर्मेल्डिहाइड सेंसर बिना किसी नुकसान के कमरे के तापमान पर मिलावटी मछली का पता लगा सकता है

कम ग्राफीन ऑक्साइड से संवारा।

 

प्रयोगशाला स्तर पर मिलावटी मछली के साथ-साथ गुवाहाटी क्षेत्र के मछली बाजारों में उपलब्ध मछलियों पर भी सेंसर का परीक्षण किया गया है। डीएसटी-पीयूआरएसई (प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस) द्वारा समर्थित इसके लिए शोध एसीएस एपीपीएल नैनो मेटर. जरनल में प्रकाशित किया गया था। यह देखा गया कि सेंसर कई मछली नमूना इकाइयों में फॉर्मेलिन की उपस्थिति का पता लगा सकता है जो असम राज्य के बाहर के क्षेत्रों से आयात की जाती हैं। इस कार्य का बिना किसी नुकसान के फॉर्मेलिन का पता लगाना महत्व रखता है।

प्रोटोटाइप की डिजाइनिंग प्रयोगशाला में चल रही है जिसे खाद्य मिलावट के क्षेत्र में एक सफलता माना जा सकता है। इस सेंसर का प्रोटोटाइप किफायती फॉर्मेलिन सेंसर उपकरणों के विकास के लिए नए रास्ते खोलेगा।

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