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प्रधानमंत्री ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी स्थापना दिवस समारोह को किया संबोधित

The Governor of Nagaland, Shri R.N. Ravi calling on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on August 08, 2019.

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय का शताब्दी स्मारक सिक्का जारी किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारतीय डाक द्वारा जारी विशेष स्मारक डाक टिकट और उसके विशेष कवर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ से संसद सदस्य श्री राजनाथ सिंह तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय से स्थानीय कलाओं और उत्पादों से संबंधित पाठ्यक्रम पेश करने का आह्वान किया तथा इन स्थानीय उत्पादों के मूल्यवर्धन पर अनुसंधान करने की मांग की। लखनऊ की ‘चिकनकारी’, मुरादाबाद के पीतल का सामान, अलीगढ़ के तालों, भदोही के कालीन जैसे उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रबंधन, ब्रांडिंग और रणनीति को विश्वविद्यालय द्वारा पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। इससे ‘एक जिला, एक उत्पाद’ के विचार को हकीकत बनाने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कला, संस्कृति और अध्यात्म जैसे विषयों के साथ जुड़ाव को जारी रखने के लिए उन्हें वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराने का भी आह्वान किया।

क्षमताओं को पहचानने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने रायबरेली के रेल कोच कारखाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कारखाने में किए गए निवेश का लंबे समय तक छोटे उत्पादों और कपूरथला में बनने वाले कोचों में लगने वाले सामानों के अतिरिक्त इस्तेमाल नहीं किया गया था। कारखाना कोच बनाने में सक्षम था, लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया। 2014 में इस कम उपयोगिता की स्थिति में बदलाव किया गया और आज कारखाने में सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि क्षमताओं के साथ-साथ इच्छा शक्ति और इरादा भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कई अन्य उदाहरणों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “सोच में सकारात्मकता और दृष्टिकोण में संभावनाओं को हमेशा ही जीवित रखना चाहिए।”

श्री मोदी ने गुजरात में विद्यार्थियों की सहायता से गांधी जयंती पर पोरबंदर में हुए एक फैशन शो के माध्यम से खादी को लोकप्रिय बनाने के अपने अनुभव को भी साझा किया। इससे खादी ‘फैशनेबल’ बन गई। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले छह साल में खादी की बिक्री, इससे पहले 20 साल में हुई कुल बिक्री से भी ज्यादा हुई है।

आधुनिक जीवन के तनावों और गैजेट्स पर बढ़ती निर्भरता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं में चिंतन और आत्मबोध की आदत कम होती जा रही है। उन्होंने युवाओं से हर प्रकार के तनावों के बीच अपने लिए समय निकालने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपनी क्षमताएं बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति खुद ही अपनी परीक्षा लेने का साधन है। नई नीति में विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास भरने और उन्हें लचीला बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से परम्पराओं को तोड़ने, सीमाओं से आगे सोचने तथा बदलाव से नहीं डरने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से नई नीति के बारे में चर्चा करने और उसके कार्यान्वयन में सहायता करने के लिए कहा।

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