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प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) की सेवाएं

प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को सामान्य सेवा केन्‍द्र (सीएससी) के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए, सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं जो पीएसीएस को देश के ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अद्यतन, स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि सेवाओं सहित 300 से अधिक ई-सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। 30 नवम्‍बर, 2023 तक देश में कुल 24,470 पीएसीएस ने सीएससी सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।

 

सीएससी के रूप में कार्य करने वाला पीएसीएस निम्नलिखित सहित विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा:

 

प्रधानमंत्री कल्याण योजनाएँ: आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान मानधन योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना, ई-श्रम पंजीकरण, पीएम किसान सम्मान निधि योजना आदि।

केन्‍द्र सरकार की सेवाएँ: आधार, पैन कार्ड, जीवन प्रमाण, पासपोर्ट, जल और बिजली बिल भुगतान सेवाएँ, आईटीआर फाइलिंग, ई-स्टाम्प, आदि।

राज्य सरकार की सेवाएँ: ई-जिला सेवाएँ, पीडीएस सेवाएँ, नगरपालिका सेवाएँ, आदि।

वित्तीय समावेशन सेवाएँ: बैंकिंग, ऋण, बीमा, पेंशन, डिजीपे, फास्टैग, आदि।

कृषि सेवाएँ: सीएससी ई-कृषि पोर्टल, कृषि टेली-परामर्श और ई-पशु चिकित्सा, मृदा परीक्षण केन्‍द्र, किसान ई-मार्ट, किसान क्रेडिट कार्ड, आदि।

ई-मोबिलिटी और स्मार्ट उत्पाद: ग्रामीण ई-मोबिलिटी डीलरशिप, स्मार्ट उत्पाद, आदि।

अन्य सेवाएँ: स्त्री स्वाभिमान पहल, स्पर्श रक्षा पेंशन सेवा पोर्टल, मोबाइल, डीटीएच रिचार्ज और बिल भुगतान, आदि।

इस पहल के माध्यम से, देश के किसान पीएसीएस स्तर पर ऊपर उल्लिखित सेवाओं सहित 300 से अधिक ई-सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनके जीवनयापन में आसानी होगी। इसके अलावा, यह पीएसीएस को आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करेगा, जिससे अंततः उनसे जुड़े करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा।

यह बात सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

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