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प्रोमिस डे

गुस्से मैं आगबबूला हो के सुबह सुबह दौड़ के कॉलेज आया और चिल्ला उठा – मैंने तुम्हें कहा था ना तुम्हें जो कुछ लेना हो ले लेना.. आज मैंने तुम्हारे लिए नया मोबाईल ऑर्डर किया और तुमने क्या किया?? वेलेंटाइन का गिफ्ट था यार… तुने ऑर्डर कैंसल कर दिया?? Rian ने चिल्लाते हुए कहा।।
बड़ी ही सहजता से अपनी ग़लती को स्वीकार करते हुए Meera ने  Rian का हाथ अपने हाथ में लिया और मीठे स्वर में कहा – सच कहूं तो मुझे वो मोबाईल पसंद था, बहुत ही पसंद था पर इतना जरूरी नहीं जितना तुम्हारे लिए बुक्स लेना और मां और बाबा की दवाई लाना !!
पर हां ऐसा भी नहीं की मुझे तुमसे वेलेंटाइन डे पर कुछ नहीं चाहिए, मेरी पसंद की जगह मुझे ले जाना.. अपने हाथों से मेरे बालों पर गजरा लगाना और अगर वापिस लौटते वक्त मुझे पानीपुरी नहीं खिलाई तो मुझसे बुरा कोई ना होगा देखना – Meera ने जुठमुट का मुंह बिगाड़ते हुए कहा!!

पता नहीं क्यों.. Rian थोड़ी ही देर में सब समझ गया.. जहां आजकल की लड़कियां बड़े बड़े तोहफ़े की आशा रख के बैठी होती है, इस लड़की ने बुक्स और मां बाबा के बारे में सोचा.. गिफ्ट भी वो ही मांगी जिसकी Rian के पॉकेट पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ने वाली थी!!

उसने मन ही मन तय किया की जॉब मिलते ही वो सब खुशियां  दिलाऊंगा जिसे अपने मन में दबाए हुए Meera मेरी मुश्किल घड़ियों में हसते हसाते साथ दे रही है!!!

Rian को जहां  कुछ पल पहले गुस्सा था वहां उमड़ रही थी भावनाएं.. एहसास और बहुत सारा प्यार..
उसने Meera को अपनी बाहों में लिया और चूम लिया और कहा की पानीपुरी के बाद एक चाय भी पिलाऊंगा… दोनों हंस पड़े और पीछे से देखा तो आसमां का सुरज अपनी रोशनी बिखेरे हंस रहा था….

नीता कंसारा

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