Jan 16, 2021
582 Views
0 0

बात हो गई

Written by

मौन ठहरा, बात हो गई,
बिन छुअन, रूह हो गई।

दिन गुजरा, शाम हो गई,
रात ढली, सपना हो गई।

वक्त बीता, आश हो गई,
सांस रुकी, काश हो गई।

बिन पतंग, तेरी डोर हो गई,
बिन हवाई, तेरी ओर हो गई।

खुश्बू में तेरी, इतर हो गई,
प्यार में तेरे, जोगन हो गई।

अरमान जले, खाक हो गई,
साथ छूटा तेरा, लाश हो गई।

स्नेहा परमार

Article Tags:
Article Categories:
Literature

Leave a Reply