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बारिश के नन्हे-नन्हे दानों में छिपा है हर समस्या का समाधान, हैं चौंकाने वाले फायदे

रैना के छोटे दाने सिरदर्द और माइग्रेन में बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। ये अनाज मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं जो हमारे तंत्रिका तंत्र को आराम देते हैं। जिन लोगों को रैना के बीज का सेवन करने के अलावा किसी भी तरह के सिरदर्द का अनुभव होता है, उन्हें इसे माथे पर लगाना चाहिए। इससे काफी राहत मिलती है।

 

 

 

 

 

-आपको जानकर हैरानी होगी कि रैना का यह छोटा दाना त्रय यानी गैस, पित्त और कफ को नियंत्रित करने में भी कारगर है। आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति को जितने भी रोग होते हैं वह शरीर में त्रय के असंतुलन के कारण होते हैं।

 

 

– जीभ पर सफेद मेल जम जाए तो भूख-प्यास नहीं लगती और हल्का बुखार हमेशा रहता है तो राई का चूर्ण लेकर पेस्ट बना लें। 500 मिलीग्राम राई को शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।

 

 

-शरीर के किसी अंग में सूजन हो तो रैना सीड्स पीसी का सेवन करना चाहिए। मोच आने पर अरंडी के पत्तों पर लेप लगाकर घाव वाली जगह पर लगाएं।

 

-यदि कोई व्यक्ति अफीम या सांप के जहर के प्रभाव से बेहोश हो गया हो तो उसे कांख, छाती और जांघों पर लगाएं। यह बेहोशी दूर करता है।

 

 

 

 

 

-अगर गठिया में दर्द हो और सूजन हो तो इस पेस्ट को रैना के बीज में जहां दर्द होता है वहां पर लगाएं और पट्टी बांध दें। इस क्रम को दोहराने से काफी राहत मिलती है। पीसी में चीनी का पेस्ट बनाकर इसे लगाने से दर्द कम होता है।

 

 

– लीवर की समस्या को दूर करने के लिए 500 मिलीग्राम राइनो का चूर्ण गोमूत्र के साथ पीने से लीवर की समस्या दूर होती है।

 

 

राइनो का चूर्ण 1-2 ग्राम चीनी के साथ मिलाकर खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है। पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है।

 

 

– सुबह-शाम 500 मिलीग्राम गैंडे के चूर्ण को घी और शहद में मिलाकर पीने से सांस के रोगों में आराम मिलता है। यदि खांसी दूर न हो तो वर्षा चूर्ण में गन्ना मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।

 

 

– थ्रश की समस्या हो तो उसमें सिरके के साथ काले रुबर्ब का बारीक चूर्ण मिलाकर लगाएं। इससे राहत मिलेगी।

 

 

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