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ममता बनर्जी के भवानीपुर सीट छोड़ने पर क्या बोल रहे हैं वहां के लोग ?

थोड़ी असमंजस के बाद तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सिर्फ नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ना तय किया है। शुरू में वह अपनी दक्षिण कोलकाता संसदीय सीट के अंदर आने वाली भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र को छोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थीं। माना जा रहा है कि नंदीग्राम जाकर वह बीजेपी को यह चुनौती देना चाहती हैं कि उसने सुवेंदु अधिकारी को उनसे छीनकर कोई बहुत बड़ा तीर नहीं मारा है और वह अधिकारी को उनके गढ़ में घुसकर मात देने का माद्दा रखती हैं। लेकिन, सवाल है कि उनके इस फैसले से उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को कैसा लग रहा है। क्या वह मुख्यमंत्री के इस तरह से सीट छोड़कर जाने से खुश हैं ?

भवानीपुर में कुछ वोटरों से जो बातचीत की है, उससे लगता है कि कुछ तो सीएम बनर्जी के फैसले से पूरी तरह सहमत हैं, लेकिन कुछ लोगों को लग रहा है कि शायद भाजपा सही कह रही है कि उन्होंने अपनी कमजोर स्थिति देखकर ही यह सीट छोड़ने में भलाई समझी है। कोलकाता की भवानीपुर का संबंध देश की कई महत्वपूर्ण हस्तियों से रहा है। इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सत्यजीत रे और अभिनेता उत्तम कुमार जैसे लोग भी शामिल हैं। खुद ममता भी यहीं की रहने वाली हैं और यहीं से वह चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री भी बनी हैं। उनके घर हरीश चंद्र चटर्जी लेन वाले लोगों से जैसे ही उनके इस फैसले पर सवाल पूछा जाता है तो कई तो फौरन कुछ कहने से कन्नी काटने में ही भलाई समझते हैं। लेकिन, कुछ लोग बहुत ज्यादा निराश भी नहीं हुए हैं। मसलन, स्थानीय दुर्गा स्वीट के पंटू उलटे पूछ लेते हैं, ‘इससे क्या फर्क पड़ता है? उनका यहां घर है और वह हमेशा यहीं की निवासी रहेंगी, अगर वह फिर से मुख्यमंत्री बनती हैं। ‘ 73 साल के टीएमसी समर्थक रंजीत मुखर्जी तो भारत में उनकी कहीं से भी जीत को लेकर निश्चिंत हैं। वो कहते हैं, ‘जो ये कहते हैं कि वह हार की डर से यहां से चली गई हैं वो गलत हैं। पूरे देश में वह कहीं से भी चुनाव लड़ेंगी, दीदी जीत जाएंगी।’

VR Niti Sejpal

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