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माँ को गोद लेना है” अभियान की महायात्रा भारतभर में घूमेगी, गौरक्षा का किया आह्वान- जगतगुरु जी श्री श्री संतोषी बाबा

माँ को गोद लेना है अभियान के साथ 18 फरवरी को सोनीपत (हरियाणा) से जगतगुरु जी श्री श्री संतोषी बाबा के सानिध्य में प्रारम्भ हुई महायात्रा के अजमेर आगमन पर प्रमुख समाजसेवी महानुभावो, गौ भक्तों, विभिन्न गौशालाओं व अग्रवाल समाज की कई संस्थाओं के पदाधिकारियों ने जिला परिषद के बाहर भव्य स्वागत किया।

गौ माता की रक्षा व गौ संरक्षण के उद्देश्य को लेकर 18 फरवरी को सोनीपत से प्रारंभ हुई यह यात्रा हरियाणा व राजस्थान के विभिन्न स्थानों से होते हुए वड़ोदरा, गुजरात पहुंची, यह महायात्रा हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लगभग एक महीने तक भ्रमण कर 27000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी तथा यात्रा के प्रथम चरण का विश्राम वृन्दावन में होगा।

 

इस अवसर पर जगतगुरु श्री श्री संतोषी बाबा जी ने कहा कि जब तक हम इस दुनिया में रहते हैं तब तक गौमाता से हमें दूध, दही, घी, मक्खन इत्यादि प्राप्त होता रहता है लेकिन यह बहुत ही दुःख की बात है कि हमें जन्म देने वाली अपनी माता से भी श्रेष्ठ गौमाता की आज दुर्दशा हो रही है। भूख की मारी गौमाता कचरा और प्लास्टिक खा रही हैं, बीमार, भूखी प्यासी, तड़पती रहती है पर हम लोग उन पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं। उन्होंने आव्हान किया कि सफल जीवन, स्वस्थ जीवन जीने के लिए गौ सेवा आवश्यक है। प्रातः काल उठने के उपरांत सबसे पहले गौमाता को स्मरण करके उनको नमन कीजिये, उनकी आरती कीजिये, प्रार्थना कीजिये और भोजन करने से पहले एक रोटी गौ. ग्रास की निकालिए, यदि हम रोज एक रोटी गौ माता के नाम से निकालेंगे और गौ माता को देंगे तो हम देखेंगे कि हमारे जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आएगा यह सिर्फ कोरी कल्पना मात्र नहीं है बल्कि आदि काल से ऋषि मुनियों द्वारा भी इसका प्रयोग होता रहा है। हमारे सभी रुके हुए काम, शारीरिक दुःख गृह क्लेश आदि कई समस्याओं से हमें जल्द ही राहत मिल जायेगी। जगतगुरु श्री श्री संतोषी बाबा जी ने आव्हान किया कि हम सब मिलकर संकल्प लें कि खाने से पहले एक रोटी गौ माता के नाम की और सोने से पहले एक ईंट गौ माता के नाम की निकालें और यह हमारी दी हुई रोटी गौमाता का चारा होगा और दी हुई ईंट गौ माता की छत होगी आश्रय होगा।

इस महा यात्रा में श्री श्री संतोषी बाबा जी के साथ अनेक साधु संतों व गौभक्तों तथा बाबाजी के अनुयायियों का काफिला भी साथ में था। यात्रा 23-24 फरवरी को गुजरात पहुंची और वहां से यात्रा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश होते हुए वृंदावन पहुंची। तो आइए हम सब इस यात्रा में सहभागी बनकर गाय के प्रति जागरूकता फैलाएं।

 

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