Site icon Khabaristan

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल का राज्य में खनन और खनिज क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य में खनन एवं खनिज क्षेत्र में व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है।

 

 

 

 

इस संदर्भ में, उन्होंने जनहित और प्रशासनिक सरलीकरण के उद्देश्य से गुजरात लघु खनिज रियायत (संशोधन) नियम-R0R में संशोधन की घोषणा की है।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री द्वारा किये गये महत्वपूर्ण सुधारों के अनुसार अब से राज्य के निजी भूस्वामियों को 4 हेक्टेयर तक के सभी गौण खनिजों के लिये बिना सार्वजनिक नीलामी के आवेदन आधारित नियमानुसार प्रीमियम पर पट्टे आवंटित किये जायेंगे।

 

 

 

 

इतना ही नहीं, उस क्षेत्र में प्राप्त अनुमोदन, एनओसी, पर्यावरण मंजूरी, वन मंजूरी और राजस्व राय आदि को नए अनुमोदन के समय मान्य माना जाएगा। यानी दोबारा ऐसी मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इन नियमों में संशोधन के आधार पर यह भी निर्णय लिया है कि 2018 में पूर्ण हुए लंबित ‘सेव्ड’ मामलों के अनुमोदन की समय सीमा को तीन साल के लिए यानि 2018 तक बढ़ा दिया गया है।

 

 

 

 

उन्होंने एक और महत्वपूर्ण संशोधन भी किया है जिससे पट्टाधारकों को आर्थिक राहत मिलेगी, बकाया पर ब्याज दरों में 6 फीसदी की कमी की गई है. ब्याज दर 18% से घटाकर 12% कर दी गई है।

 

 

 

 

खनन नियमों में किये गये अन्य संशोधनों के अनुसार प्रथम चरण की सार्वजनिक नीलामी में भाग लेने वाले बोलीदाताओं में से तकनीकी रूप से योग्य सभी बोलीदाता दूसरे चरण में भाग ले सकेंगे।

 

इसके अलावा वित्तीय बोझ न बढ़ाने के उद्देश्य से बोली लगाने वाले को तीन चरणों में अग्रिम भुगतान की सुविधा दी जाएगी।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने भी इन नियमों में ऐसा संशोधन किया है कि खनिज की मात्रा पूर्ण होने या वैज्ञानिक ढंग से खनन नहीं होने की स्थिति में पट्टाधारक ऐसे पट्टा क्षेत्र को वापस कर सकता है।

 

 

 

 

 

 

खनन एवं खनिज क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इन सुधारों के फलस्वरूप प्रदेश में उभरे खनन उद्योगों की पारिस्थितिकी प्रणाली और सरल होगी। खनन क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रक्रिया तेज होगी।

Exit mobile version