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रॉयल राइड : रेलवे की विस्टाडोम कोच कांच की छत और घूमने वाली कुर्सी से सुसज्जित

भारतीय रेलवे ने विस्टाडोम पर्यटक कोच का गति परीक्षण पूरा कर लिया है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने इस शानदार कोच का एक वीडियो भी साझा किया। जिसमें इस कोच की खूबियों का वर्णन किया गया है। सोफे में कांच की खिड़कियां हैं। एक गिलास छत है।

एक अवलोकन लाउंज है। एक घूमने वाली सीट है। जिसकी मदद से पर्यटक बाहर से देखने का आनंद ले सकते हैं। जब भी ट्रेन एक पर्यटक स्थान से गुजरती है, तो यह कांच की खिड़की और शीर्ष पर पारदर्शी ग्लास के माध्यम से देखने में सक्षम होगी। यही नहीं, वह फोटो भी क्लिक कर सकेगा। रिवाल्विंग सीट की मदद से वह बैठते समय किसी भी दिशा के स्थान का आनंद ले सकेगा। ये सभी कोच तकनीकी रूप से बहुत उन्नत हैं। इसमें वाई-फाई आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी है। इस विशेष कोच में कई अलग-अलग प्रकार के ग्लास का उपयोग किया जाता है। कोच वर्तमान में चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री यार्ड में है।

वी कांच को दरार, खरोंच या टूटने से बचाने के लिए एक कांच की शीट के साथ लगाया जाता है। नए डिजाइन वाले विस्टाडोम टूरिस्ट कोच ने 180 किमी / घंटा का ट्रायल पूरा कर लिया है। जिस ट्रेन में यह कोच फिट होगा वह विशेष पर्यटन के लिए चलेगी। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन दादर, मडगाँव, अरकू घाटी, कश्मीर घाट, दार्जिलिंग, हिमालयन रेलवे, आवर शिमला रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, माथेरान हिल रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे में चलेगी। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में इस कोच का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

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