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वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने यूनाइटेड किंगडम-भारत के 10वें दौर के आर्थिक और वित्तीय संवाद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया

The Minister of State for Commerce & Industry (Independent Charge), Smt. Nirmala Sitharaman addressing a press conference, in New Delhi on October 14, 2016.

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतरमण ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित 10वें दौर के मंत्रिस्तरीय यूनाइटेड किंगडम-भारत आर्थिक और वित्तीय संवाद (ईएफडी) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधि शामिल थे। यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व राजकोष के चांसलर श्री ऋषि सुनक कर रहे थे जिनके साथ महारानी के खंजाची, बैंक ऑफ इंग्लैंड और वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए) के प्रतिनिधि थे।

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बेहद घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंध हैं। भारत और यूनाइटेड किंगडम के संबंध महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दोनों देश विश्व की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं जिनकी कुल जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। पहले दौर की ईएफडी के बाद से भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापार दोगुने से भी ज्यादा हो गया है और द्विपक्षीय निवेश दोनों देशों में आधा मिलियन से ज्यादा लोगों को नौकरियां उपलब्ध करवा रहे हैं।

इस संवाद में कोरोना वायरस पर दोनों देशों ने अपने अनुभव साझा किए ताकि दोनों देश एक-दूसरे के अनुभव से समृद्ध हो सकें। संवाद में जी20 फ्रेमवर्क कार्यकारी समूह और ऋण सेवा निलंबन पहल (डीएसएसआई) को शामिल करते हुए वित्त की निगरानी से जुड़े मामलों पर जी20 के सहयोग के बारे में भी बात हुई। डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान पर समावेशी सर्वसम्मति आधारित समाधान सहित अन्तर्राष्ट्रीय कर एजेंडा पर भी चर्चा हुई। फिन-टेक और गिफ्ट सिटी पर खास जोर देते हुए वित्तीय सेवा सहयोग को बढ़ाने, भारत-यूनाइटेड किंगडम वार्षिक वित्तीय बाजार संवाद की स्थापना और वित्तीय बाजारों में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा हुई। हरित वित्त पर फोकस करते हुए सतत वित्त के अवसंरचनात्मक विकास और प्रचार पर भी बात हुई। संवाद में भारत-यूनाइटेड किंगडम द्विपक्षीय सतत वित्त मंच स्थापित करने का फैसला भी लिया गया। भारत-यूनाइटेड किंगडम वित्त साझेदारी (आईयूकेएफपी) के अधीन निजी क्षेत्र की पहलों और भारत-यूनाइटेड किंगडम सतत वित्त कार्यकारी समूह का स्वागत किया गया। माननीय वित्त मंत्री ने सतत वित्त के प्रवाह के लिए भारत के राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) और लंदन शहर द्वारा किए गए कार्य पर प्रकाश डाला।

संवाद का समापन भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और यूनाइटेड किंगडम के राजकोष के चांसलर श्री ऋषि सुनक द्वारा संयुक्त बयान पर औपचारिक हस्ताक्षर करके किया गया।

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