भारत सरकार के तहत विद्युत मंत्रालय ने 28 सितंबर 2020 को जारी एस.ओ. 3445 (ई) अधिसूचना को सभी बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) के लिए ऊर्जा संरक्षण कानून के तहत अनिवार्य कर दिया है। अधिसचूना, जो कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की सलाह से जारी की गई है। इसके तहत “जिन वितरण कंपनियों को राज्य/ संयुक्त विद्युत नियामक आयोग को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 (2003 के 36) डिस्कॉम को लाइसेंस दिया गया है” वह नामित उपभोक्ता की तरह अधिसूचित होंगी।
इस अधिसूचना के बाद सभी डिस्कॉम ऊर्जा संरक्षण कानून के तहत काम करेंगी। सभी डिस्कॉम को एनर्जी मैनेजर की नियुक्ति करनी होगी। इसके अलावा डिस्कॉम को एनर्जी अकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग, वर्ग के आधार पर बिजली नुकसान का आंकलन, बिजली संरक्षण और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने के भी कदम उठाने होंगे। इसके पहले नामित उपभोक्ता के तहत केवल वह डिस्कॉम शामिल थीं, जिनसे सालाना 1000 मेगायूनिट या उससे ज्यादा बिजली का हानि होती थीं। नई अधिसूचना के बाद सभी डिस्कॉम ऊर्जा संरक्षण कानून के दायरे में आ जाएंगी। जिससे कानून के दायरे में आने वाले डिस्कॉम की संख्या 44 से बढ़कर 102 हो जाएगी। नए फैसले से सभी डिस्कॉम के लिए एनर्जी ऑडिटिंग और ऑडिटिंग अनिवार्य हो जाएगी। ऐसा होने से न केवल विद्युत हानि कम होगी, बल्कि डिस्कॉम के लाभ में भी बढ़ोतरी होगी।
नए संशोधन के बाद उम्मीद है कि डिस्कॉम के प्रदर्शन को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी, उनका विभिन्न मानकों के आधार मूल्यांकन भी हो सकेगा। साथ ही विद्युत वितरण सेक्टर में पेशेवर रवैया भी बढ़ेगा। इसके लिए नए नियमों से डिस्कॉम, ऐसे प्रोजेक्ट और तरीके को विकसित कर सकेंगी, जिससे विद्युत हानि कम से कम हो। सरकार सभी डिस्कॉम से तिमाही आंकड़े लेकर उनकी निगरानी करेगी। और उन्हें ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और विद्युत हानि कम करने के तरीके भी बताएगी। इस कदम से आशा है कि उपभोक्ताओं के विद्युत सेवाएं बेहतर हो पाएंगी।
उर्जा दक्षता ब्यूरो के बारे में
भारत सरकार के तहत आने वाले विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक वैधानिक निकाय है। उसका प्रमुख काम भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐसी नीतियां और रणनीति बनाने में सहयोग देना है, जिससे ऊर्जा हानि को रोका जा सके। बीईई विभिन्न नामित समन्वयक, नामित ग्राहकों, नामित एजेंसियों और दूसरे संगठनों के साथ मौजूदा संसाधनों की पहचान कर उनका इस्तेमाल करने में सहयोग करता है। जिससे कि ऊर्जा संरक्षण कानून के तहत तय किए गए कार्यों को पूरा किया जा सके।