वो आ भी सकता हैं और जा भी सकता है,
अपनी मर्ज़ी हम पर चला भी सकता हैं।
खुद को मुझ से बहुत बचा कर रखना तूम,
जो जल सकता हैं वो जला भी सकता हैं।
कब क्या हो जाए, किसे पता हो सकता हैं?
जो डूब सकता हैं वो बचा भी सकता हैं।
दिल की बात हरेक को बताना लाज़मी नहीं,
वो छुपा सकता हैं तो बता भी सकता हैं।
चाहे जितनी कोशिशें करले उसको पाने की,
अक्ष मेरा हैं उसको कोई पा भी सकता हैं?
अक्षय धामेचा