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सोमनाथ मंदिर में संगीत नाटक अकादमी का ‘अमृत स्वरधारा’ कार्यक्रम

भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हर ओर कार्यक्रमों की श्रृंखलाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी तर्ज पर संगीत नाटक अकादमी भी अमृत स्वरधारा के नाम पर अनूठा आयोजन करने जा रही है। पांच दिवसीय आयोजित होने वाला यह इतिहास का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जिसे सोमनाथ मंदिर के तट पर श्री सोमनाथ न्यास के सहयोग से प्रतिदिन संध्या 5.30 बजे से 26-30 मार्च तक किया जाएगा।

इस भव्य आयोजन में दिल्ली सहित मणिपुर, तमिलनाडु, नागालैंड, उड़ीसा, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। मालूम हो कि नृत्य और संगीत भारत के लोगों और त्योहारों का अभिन्न अंग है ऐसे शिव मंदिर सोमनाथ में यह आयोजन काफी खास होगा। इस अमृत स्वरधारा उत्सव में भारत के सभी कोनों से कई प्रमुख नृत्य कलाओं जैसे भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, कथकली, मोहिनीअट्टम, मणिपुरी, सत्रिया और ओडिसी जैसी परंपराएं दिखाई जाएंगी।

इसके साथ ही संगीत नाटक अकादमी उत्तर-पूर्वी राज्यों के पारंपरिक नृत्यों जैसे पुंग चोलोमो, मणिपुर का ढोल नृत्य, ढोल चोलोम, मयूरभंज से छऊ नृत्य और ओडिशा के गोटीपुआ नृत्य से भी लोगों को रूबरू कराएगी। इतना ही नहीं गरबा, डांडिया-रास और गुजरात के लोक नृत्य जैसे टिप्पनी जो जीवंत गुजरात की कला विरासत का प्रतिनिधित्व करता है।

 

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