Apr 20, 2021
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अमृता विश्व विद्यापीठम 50 नए रिसर्च लैब की स्थापना करने के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा

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भारत के शीर्ष निजी विश्वविद्यालय ने उत्कृष्ट फैकल्टी को सम्मानित करने के लिए अमृता इनोवेशन एंड रिसर्च अवार्ड्स के पहले संस्करण की घोषणा की; विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया

2020 की एनआईआरआफ रैंकिंग में भारत में चौथे सर्वश्रेष्ठ समग्र विश्वविद्यालय का स्थान हासिल करने वाले अमृता विश्व विद्यापीठम ने देश भर के अपने कैम्पस में 50 अत्याधुनिक ʺन्यू डिस्कवरी एंड इनोवेशन लैब्स’ की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।ये रिसर्च पॉवरहाउस अगले एक साल के भीतर चालू हो जाएंगे, जिनका नेतृत्व विश्वविद्यालय की फैकल्टी और छात्र करेंगे। नई प्रयोगशालाओं में इंजीनियरिंग‚ मेडिकल साइंसेज‚ कंप्यूटर साइंसेज, मैटेरियल साइंसेज‚ नैनो बायो साइंसेज, बायो टेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक नवाचार और खोज किए जाएंगे।

अमृता विश्व विद्यापीठम की चांसलर और विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी, श्री माता अमृतानंदमयी देवी, अम्मा की अध्यक्षता में अमृता इनोवेशन एंड रिसर्च अवार्ड्स (एआईआरए) के पहले संस्करण के उद्घाटन समारोह के दौरान यह घोषणा की गई।

विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट फैकल्टी को पहचानने और सम्मानित करने के लिए ये पुरस्कार छह श्रेणियों में दिये गये : चांसलर्स रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड, न्यू डिस्कवरी एंड इनोवेशन लैब्स, चांसलर्स इनोवेशन अवार्ड, चांसलर्स पब्लिकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, पब्लिकेशन मेरिट अवार्ड और सर्टिफिकेट ऑफ एप्रेसिएशन फाॅर  रिसर्च। पुरस्कार के विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया।

अमृता विश्व विद्यापीठम की चांसलर अम्मा (श्री माता अमृतानंदमयी देवी) ने कहा: “नए ज्ञान प्राप्त करना, अनुसंधान का संचालन करना और नवाचारों को आगे बढ़ाना लोगों के साथ-साथ देश की प्रगति और विकास में बहुत योगदान देता है। हालांकि, कई बार, इस तरह के ज्ञान के प्रत्यक्ष लाभकारी विशेषाधिकार प्राप्त, शहरों में रहने वाले शिक्षित लोग होते हैं। लेकिन जानबूझकर या अनजाने में, नवाचार और तकनीक जो अकादमिक ज्ञान के भंडार हैं, वे शायद ही कभी इन ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान के लिए आगे आते हैं। और यहां तक  कि अगर वे ऐसा करते भी हैं, तो वे ग्रामीण संस्कृतियों को बाधित करते हैं। अक्सर, वे लोगों में मौजूद मासूमियत को नष्ट कर देते हैं – ग्रामीणों की परंपराओं और रीति-रिवाजों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं जिनकी जीवनशैली ज्यादातर प्रकृति के अनुरूप होती है। यह एक अजीब विकृति पैदा करता है, जैसे शरीर के बिना जुड़े अंगों को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा हो, और हमारे गांवों को नष्ट कर रहा है। ऐसा नहीं होने देना चाहिए। शोध से आम आदमी को फायदा होना चाहिए। साथ ही, हमें अपने ग्रामीण गांवों की शांति, सुंदरता और संस्कृति की सुरक्षा के लिए सावधान रहना चाहिए। तभी राष्ट्र की प्रगति पूरी हो सकेगी। केवल एक मूल्य-आधारित शोध कार्यक्रम ही ऐसी संतुलित प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। ”

अमृता विश्व विद्यापीठम के वाइस-चांसलर डॉ पी वेंकट रंगन ने कहा: “अनुसंधान और नवाचार राष्ट्र के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने की कुंजी है। देश के लाभ के लिए एक अत्यधिक उत्पादक और प्रशिक्षित मैनपावर बनाने के हमारे मिशन में, हम अपने प्रतिभाशाली युवा फैकल्टी की पहचान कर रहे हैं, सलाह दे रहे हैं और प्रोत्साहन दे रहे हैं। महामारी में, हम पिछले साल की कठिन अवधि के बावजूद प्रकाशन और पेटेंट के रूप में हमारी फैकल्टी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और उत्कृष्ट शोध परिणामों को देखकर आश्चर्यचकित रह गए हैं। ”

अमृता विश्व विद्यापीठम के सात प्रतिष्ठित प्रोफेसरों को अपने क्षेत्रों में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में स्थान हासिल करने के लिए चांसलर्स रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किए किए। इनमें प्रो मनीषा सुधीर (नेटवर्किंग और दूरसंचार), प्रो राधिका एन (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), प्रो शांतिकुमार नायर (पॉलिमर), प्रो आर जयकुमार (पॉलिमर), प्रो माधव दत्ता (ऊर्जा), डॉ कृष्णकुमार आर (पेडिएट्रिक कार्डियोलॉजी) और अमृता के पूर्व छात्र डॉ विनयकुमार (साइबर सेक्युरिटी) शामिल हैं।

चांसलर्स इनोवेशन अवार्ड्स के तहत 49 पेटेंटों को मान्यता दी गयी, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हैं, जो पिछले पांच वर्षों में अमृता संकाय को प्रदान किए गए थे। इन पेटेंटों ने बायो टेक्नोलॉजी, नैनो-बायोसाइंसेज, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्रों में विश्वविद्यालय और देश के लिए बौद्धिक संपदा का सृजन किया।

चांसलर्स पब्लिकेशन एक्सेलेंस अवार्ड व्यक्तिगत तौर पर उन फैकल्टी को दिए गए जिन्होंने दुनिया भर में महामारी काल में टियर 1 जर्नलों में उच्च-प्रभाव वाले शोधपत्रों को प्रकाशित करके खुद को प्रतिष्ठित किया था। अमृता विश्व विद्यापीठम के लगभग 500 फैकल्टी ने लेखकों और सह–लेखकों के रूप में, महामारी के दौरान पिछले साल शीर्ष रैंक वाले विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित पत्रिकाओं में लगभग 150 शोध पत्र प्रकाशित किए। यह विश्वविद्यालय में मौजूद बौद्धिक दक्षता की उच्च क्षमता को दर्शाता है।

अवार्ड समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, नेशनल साइंस फाउंडेशन, यूएसए  के डायरेक्टर सेथुरमन पंचनाथन, डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी, आईआईटी बॉम्बे के निदेशक सुभासिस चौधरी, यूनिवर्सिटी ऑफ बुफैलो के रिसर्च एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट के वीपी वेणु गोविंदराजू, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के रिसर्च के वाइस चांसलर प्रशांत महापात्र शामिल हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा: “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अमृता विश्व विद्यापीठम में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) द्वारा समर्थित इनक्यूबेटर 100 से अधिक स्टार्टअप की मदद करके लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और उनमें से 6 ने 174.3 करोड़ रुपये का बाहरी निवेश लाया है।” अमृता के 1,500 फैकल्टी और 15,000 छात्रों सहित पूरे शैक्षणिक समुदाय इस समारोह में शामिल हुए।

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Education

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