चाणक्य अपनी पुस्तक “चाणक्य नीति” में जीवन के बारे में बहुत सी जानकारी देते हैं। हमें इससे बहुत सारी सिख मिलती हैं। तो इससे हम इस बात को भी जान पाएंगे। इस सवाल का जवाब भी दिया जाएगा। चलिए जानते है।
चाणक्य नदी के उदाहरण का हव देते हुए, वह कहते हैं कि जिस तरह हम जो नदी का पानी शांत नही होता है, उसके पास नही जाते है क्योंकि वह नदी किसी भी समय अपना मोड बदल सकती है, उसी तरह चंचल व्यक्तियों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। वे लोग हानिकारक हैं। एक चंचल व्यक्ति अपनी चालाकी से हमें कभी भी धोखा दे सकता है। इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें। ऐसे लोग अपने चंचल स्वभाव के कारण किसी को भी नुकसान कर सकते हैं।
अब हम समझ गए हैं कि किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं रहना है।
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