Apr 29, 2021
417 Views
0 0

कोई क़िस्त है जो अदा नहीं है

Written by

कोई क़िस्त है जो अदा नहीं है
साँस बाक़ी है और हवा नहीं है

नसीहतें, सलाहें, हिदायतें तमाम
प्रिस्क्रिप्शन है पर दवा नहीं है

आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के
मंज़र सचमुच अच्छा नहीं है

हरेक शामिल है इस गुनाह में
क़ुसूर किसी एक का नहीं है।

अज्ञात

Article Tags:
Article Categories:
Literature

Leave a Reply