प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
इस उद्देश्य के लिए, प्रधान मंत्री ने 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर एक समान मिशन का लक्ष्य रखा है। इतना ही नहीं, इसने चंद्रयान मिशनों की आगे की श्रृंखला, अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहन विकास, नए लॉन्चपैड के निर्माण जैसी पहलों को भी प्रेरित किया है।
गुजरात ने प्रधानमंत्री के इस लक्ष्य में योगदान देने के लिए अपनी तत्परता विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन पर मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की एक स्वायत्त एजेंसी, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र इन-स्पेस और गुजरात सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए हैं।
तदनुसार, इन-स्पेस साणंद में एक अंतरिक्ष विनिर्माण क्लस्टर स्थापित किया जाना है जिसका मुख्यालय भोपाल, अहमदाबाद में होगा।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उपकरणों के लिए उपयुक्त विभिन्न विनिर्माण इकाइयां-उद्योग इस क्लस्टर में स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष प्रोत्साहन और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इस उद्देश्य के लिए भोपाल में इन-स्पेस के मुख्यालय में एक तकनीकी सहायता और इन्क्यूबेशन सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना में भूमि एवं अंतरिक्ष तथा संबद्ध क्षेत्र के उद्योगों के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
इस एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत, राज्य मंत्री श्री हर्ष सांघवी, मुख्य सचिव श्री राजकुमार और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र इन-स्पेस के अध्यक्ष श्री । डॉ। पवन कुमार गोयनका, संयुक्त सचिव श्री लोचन शेहरा और प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं इन-स्पेस टेक्निकल के निदेशक डाॅ. राजीव ज्योति और गुजरात सरकार के वरिष्ठ सचिवों ने भाग लिया।