इस न्यू नार्मल समय में मौजशोख से ज़्यादा कार ज़रूरी है । वर्तमान लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्टेशन कई लोगों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। जब परिवहन की बात आती है, तो ज्यादातर लोग पर्सनल ट्रांसपोर्टेशन चुनते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, गुजरात स्थित पहली स्थानीय कैब सेवा “चलो” भारत की पहली यूवी (अल्ट्रावायोलेट) सेनिटाइज्ड कैब सेवा लेकर आई है। यूवी स्टरलाइज़र चलो की इन-हाउस तकनीक है।
चलो के संस्थापक प्रियंक राठोड और विवेक मिस्त्री ने कहा, “हमारा मिशन हर एक व्यक्ति को सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन के सन्दर्भ में सुविधासंपन्न बनाना है और उसके लिए सस्ती, विश्वसनीय और फायदेमंद सवारी प्रदान करना है। भारत में पहली बार हम यूवी (अल्ट्रावायोलेट) सेनिटाइज्ड कैब सेवा शुरू कर रहे हैं। जिसमें प्रत्येक सवारी के बाद सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया की जाएगी। साथ में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की राइड के दौरान, कार के अंदर और राइड ख़तम होने पर राइडर्स के बीच सोशियल डिस्टन्स का योग्य पालन हो I”
चलो के सह-संस्थापक रजत राठोड ने कहा, “हम भारत में स्कैन और गो कैब सेवा शुरू करने वाले पहले हैं। चलो कैब सेवा अभी अहमदाबाद और गांधीनगर में उपलब्ध है और हम इस साल के अंत तक पूरे गुजरात में सेवा शुरू करने की योजना बना रहे हैं। चलो कैब सेवा पिछले साल नवंबर में ईजी इंटरफेस, एसओएस- सिक्योरिटी फीचर, फैमिली शेयरिंग, बिजनेस प्रोफाइल और यूनिक रिवार्ड सिस्टम जैसे कई अहम फीचर्स के साथ लॉन्च किया गया है।”
राइडर की सलामती को चलोने पहले से प्राधान्य दिया है I इसी बात को केन्द्रस्थान पे रखते हुए अब से प्रत्येक सवारी पूरी होने के बाद कैब को यूवी से सेनिटाइज किया जाएगा I भारत में पहली बार इस तरह की सर्विस शुरू होने जा रही है। चलो कैब्स में अब तक 1000+ से अधिक ड्राइवर, 15000+ सवार और 25000 से अधिक सवारी बुक की गई हैं और अभी भी हो रही हैं। पहली सवारी में डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनकर चलो की सवारी की कुल राशि पर 50% की छूट भी दी जा रही है। औसतन 25 से 125 लोग प्रतिदिन चलो ऐप डाउनलोड करते हैं।