Mar 7, 2022
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टायर का रंग काला क्यों होता है? आप यह नहीं जानते होंगे

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गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले टायर काले रंग के होते हैं लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। कार में इस्तेमाल किए गए टायरों का रंग ऑफ व्हाइट था। इसके बाद टायर निर्माताओं ने निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले रसायनों को संशोधित किया। इसके बाद इसका रंग बदल गया। पता करें कि टायरों का रंग मैला क्यों हुआ करता था और इसे काला करने की आवश्यकता क्यों पड़ी।

 

मेंटल फ्लॉस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस टायर से नैचुरल रबर बनाया गया है उसका रंग पन्ना सफेद था, इसलिए शुरुआती सफर में इस्तेमाल किए गए टायर का रंग भी हल्का था। टायर को मजबूत करने के लिए जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल किया गया, जिससे यह मजबूत हुआ।

 

टायर निर्माताओं ने बाद में इसे बेहतर बनाने के लिए बदलाव किया। ब्लैक टायर बाजार की शुरुआत 1917 के आसपास हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार उस समय टायरों के निर्माण में कार्बन का प्रयोग किया गया था। इस तरह रंग बदलकर काला हो गया।

 

जानिए टायरों में कार्बन क्यों पाया जाता है। टायर को मजबूत बनाने के लिए उसमें कार्बन मिलाया गया था। सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें रबर के टायरों में दरारें पैदा करती हैं, लेकिन जब टायरों में कार्बन मिलाया जाता है, तो यह पराबैंगनी किरणों को रोक देता है।

 

रिपोर्ट के मुताबिक टायर में जब कार्बन डाला जाता है तो उसकी लाइफ बढ़ जाती है। सड़क पर चलने से दरार पड़ने का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए सभी कंपनियों ने टायर बनाने का यह तरीका अपनाया और इस तरह टायरों का रंग बदल गया।

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