Jun 29, 2024
8 Views
0 0

दिव्य दुनिया में एक साल: राम यशवर्धन ने कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ में भगवान शिव की भूमिका निभाने के अपने परिवर्तनकारी सफर पर विचार व्यक्त किए

Written by

कलर्स का ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ भगवान शिव और देवी पार्वती के बीच ब्रह्मांड की पहली प्रेम कहानी के साथ दर्शकों को निरंतर रोमांचित कर रहा है। शिव और शक्ति की मनमोहक कहानी को प्रदर्शित करने वाले इस शो ने अब एक साल पूरा कर लिया है, जिसमें इन श्रद्धेय देवताओं के तप, त्याग और तांडव को दर्शाया गया है। जैसा कि शो एक साल पूरा होने का जश्न मना रहा है, दर्शकों को सम्मोहक और नाटकीय कहानियों के साथ एक सप्ताह तक चलने वाले एक घंटे के स्पेशल एपिसोड्स का आनंद मिलेगा।

आगामी एपिसोड्स में, परशुराम कैलाश पहुंचते हैं और पाते हैं कि गणेश ने उनका रास्ता रोक लिया है। क्रोधित होकर, वह गणेश पर अपने परशु से हमला कर देते हैं, जिससे उनका एक दांत कट जाता है। गणेश अपने पिता महादेव के सम्मान में प्रतिशोध नहीं लेते है, जिन्होंने परशुराम को वह परशु दिया था। गणेश की धर्म के प्रति निष्ठा से प्रभावित होकर, परशुराम उनकी तारीफ करते हैं और कैलाश को भौतिक संपदा के मामले में ही नहीं बल्कि मूल्यों और सम्मान के मामले में भी सबसे समृद्ध स्थान बताते हैं। यह सुनकर, धन के देवता कुबेर इसे चुनौती मान लेते हैं और वह यह साबित करने की कसम खाते हैं कि उनका अपना लोक संपदा में कैलाश से भी आगे है। इसलिए, कुबेर महादेव को अपने राज्य में आमंत्रित करते हैं, लेकिन महादेव अपने स्थान पर भगवान गणेश को भेजते हैं। एक मनोरंजक मोड़ में, गणेश अपनी व्यापक भूख के कारण सबकुछ निगलने लगते हैं, जिसके कारण कुबेर को महादेव की मदद लेनी पड़ती है। तभी महादेव गणेश को चावल चढ़ाने, उनकी भूख मिटाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम करने की परंपरा स्थापित करते हैं।

अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के दौरान, ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ दर्शकों को एक दिव्य सफर पर ले गया है, जिसमें उन घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है जो शिव और पार्वती की दिव्य गाथा का अभिन्न हिस्सा हैं। इस दिव्य जोड़े का मिलन पुरुष और स्त्री ऊर्जा, विनाश और सृजन, तपस्या और सांसारिक प्रेम के शाश्वत नृत्य का प्रतीक है। दिव्य त्रिमूर्ति के भीतर एक ताकतवर शक्ति के रूप में उभरते हुए, भगवान शिव के कॉस्मिक तांडव ने ब्रह्मांड को नवजीवन दिया। दक्ष की बेटी और शक्ति के पहले अवतार, सती के साथ उनके मिलन ने ऐसे प्रेम की शुरुआत की जो जन्मों-जन्मों से भी परे है। फिर एक त्रासदी हुई, जब सती अपने पिता द्वारा अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाईं, और उन्होंने आत्मदाह कर लिया, जिससे दुःखी शिव गहन ध्यान में डूब गए। ठीक उसी समय, उन्होंने ब्रह्मांडीय महासागर (समुद्र मंथन) के मंथन से निकले विश्व-घातक विष हलाहल को पीकर तीनों लोकों की रक्षा की। समय का पहिया घूमा, और शक्ति ने पार्वती के रूप में अवतार लिया। उनकी भक्ति और कठोर तपस्या ने शिव का दिल पिघला दिया, जिससे उनका दिव्य पुनर्विवाह हुआ।

शो में उस महत्वपूर्ण अवसर का वर्णन किया गया, जब शिव और पार्वती ने अपना अर्धनारीश्वर अवतार प्रकट किया, जो उनकी कॉस्मिक ऊर्जाओं के मिलन का शक्तिशाली प्रदर्शन था। उनके विवाह से उनके बच्चों, बहादुर कार्तिकेय, तेजस्वी अशोक सुंदरी और विघ्नहर्ता गणेश का चमत्कारिक जन्म हुआ। इस शो में खतरनाक राक्षस तारकासुर के खिलाफ महायुद्ध और भगवान गणेश के विस्मयकारी पुनर्जन्म को भी दर्शाया गया है। शिव और पार्वती की कहानी प्रतीकों और गहन शिक्षाओं से समृद्ध है, जो समय के गलियारों में भक्तों को प्रेरित करती रहती है।

शो की उपलब्धि के बारे में बात करते हुए राम यशवर्धन कहते हैं, “मैं इस बात से अभिभूत हूं कि हम ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ के एक साल पूरे होने की उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। पूज्य भगवान शिव की भूमिका निभाना मेरे लिए वाकई परिवर्तनकारी और भक्तिपूर्ण अनुभव रहा है। यह शो न केवल महान गाथाओं से दर्शकों को बांधे रखता है, बल्कि करुणा, त्याग और सत्य की खोज के शाश्वत आदर्शों को भी दर्शाता है। जबकि हम इस महान यात्रा के अगले अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, मुझे हमारी पौराणिक कथाओं के शाश्वत जादू से दर्शकों का दिल जीतते हुए अपनी जड़ों का सम्मान करने के उद्देश्य और दृढ़ संकल्प की भावना महसूस होती है।”

देखिए ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ हर सोमवार से रविवार रात 8:00 बजे केवल कलर्स पर!

 

Article Categories:
Entertainment · Films & Television

Leave a Reply