Nov 30, 2020
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देख तो सही .. 

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बैचेनियो से निकल कर देख तो सही ,
सब ठीक ही था , ठीक है , ठीक भी होगा ।
वो तो तूने खुद को बांध रखा था !
वरना तू कैद नहीं था ।
ये खामोशियों से उब गया है तू ?
किसी ने मना तो नहीं किया बोलने से !
तूने ही मान लिया था खुद से ।
वक्त को वक्त देना सीख ,
हर शाम में खुश होना सीख !
कई है दीवाने तेरे भी !
ख्याल कहा तुझे , खुद जो दीवाना बना है ।
हारा नहीं था तू ,
खुद ही खुद को पीछे कर दिया तूने बेवजह ।
कई से आगे था तू , ख़ैर दिखा नहीं बेशक !
बैचेनियों से निकल कर देख तो सही ,
सब ठीक ही था, ठीक है, ठीक भी होगा ।
Article Categories:
Literature

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