धड़कते दिल की तमन्ना हो, मेरा प्यार हो तुम
मुझे क़रार नहीं, जब से बेक़रार हो तुम
खिलाओ फूल किसी के, किसी चमन में रहो
जो दिल की राह स्र गुज़री है वो बहार हो तुम
जहे नसीब, अता की जो दर्द की तौबा
वो ग़म हसीन है, जिस ग़म के ज़िम्मेदार हो तुम
कैफ़ी आज़मी
फ़िल्म : शमा-1961
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Kaifi AzmiArticle Categories:
Literature