नारायण नेत्रालय ने एसर इंडिया के साथ मिलकर आज पीसी+टैबलेट आधारित सॉफ्टवेयर, “विजिनोवा” लॉन्च किया। इसे कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट (सीवीआई) से पीड़ित बच्चों के लिये डिजाइन किया गया है। नारायण नेत्रालय और एसर इंडिया की इस पहल का उद्देश्य बाधाओं को तोड़ना और रोगियों तक बेहतर इलाज पहुंचाना है।
एक नये तरह के आविष्कार एसर विजिनोवा की परिकल्पना सीवीआई बच्चों के लिये ऑन-साइट थैरेपी के लिये एक मोबाइल विकल्प के रूप में की गई थी जो उन्हें उन्नत देखभाल प्रदान करेगा। नारायण नेत्रालय ने अपने ‘बड्स टू ब्लॉसम’ पहल के तहत विशिष्ट रूप से एक थैरेपी प्रोग्राम उपलब्ध कराया है जोकि बच्चों में मोटर, कॉग्नेटिव और विजुअल क्षमताओं का विकास कर सके और उन्हें बेहतर बना सके। इससे उल्लेखनीय रूप से उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट द्विपक्षीय दृष्टिहानि (बाइलेटरल विजुअल लॉस) की ऐसी स्थिति है जो मस्तिष्क में देखने वाले हिस्से में आंख या दृष्टि के अग्रभाग के मार्ग में बिना किसी गड़बड़ी के चोट लगने के कारण होता है। सीवीआई वर्तमान में पूरे भारत में बच्चों के बीच एक उभरती हुई समस्या है। सीवीआई के साथ पैदा होने वाले प्रत्येक 100,000 में 161 बच्चों के साथ, भारत ने इसे एक उच्च प्राथमिकता वाला मुद्दा घोषित किया है और इसे 30 स्थितियों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया है कि सभी बच्चों की अनिवार्य रूप से जांच होनी चाहिये।
सीवीआई वाले इन बच्चों को आंखों से देखे जाने वाली गतिविधियों को करने में बहुत परेशानी पेश आती है और ये थैरेपी मशीनों पर निर्भर करती है। ये भारी-भरकम, महंगे होते हैं और बच्चों को थैरेपी के दौरान पूरे छह से नौ महीने अस्पताल में ही रहना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिये, एसर ने इस नेक काम की शुरूआत के लिये सीएसआर के तहत 100 से भी ज्यादा पीसी और टैबलेट्स उपलब्ध कराए हैं। एसर आगे रोगियों को 2000 टैबलेट्स उपलब्ध कराना चाहता है, जहां रोगियों को अस्पताल में कम, रिफंड होने योग्य डिपॉजिट देना होगा और उन्हें अपने घर बैठे इस्तेमाल करने के लिए टैबलेट मिलेगा। इसकी मदद से वे कोविड की परेशानियों के साथ भी इलाज जारी रख सकते हैं।
यह टैबलेट, सीवीआई रोगियों को एक्सरसाइज की पेशकश करता है जोकि उन्हें लाभ पहुंचाते हैं और उनके कौशल की कमी और दृश्य क्षमताओं को विकसित करते हैं तथा बेहतर बनाते हैं। इसके साथ ही, कई सारी विशिष्ट थैरेपी के लिये लंबे-चौड़े उपकरणों की जरूरत होती है, जिसके लिये बच्चे को इलाज के दौरान सेंटर में ही रहना पड़ता है, ऐसे में यह टैबलेट नारायण नेत्रालय के सीवीआई विशेषज्ञों की देखरेख में रिमोट थैरेपी देता है, जिससे यह इलाज बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो रहा है।
इस लॉन्च के मौके पर, हरीश कोहली, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एसर इंडिया का कहना है, “नारायण अस्पताल के साथ इस अनूठी साझीदारी में साथ होना हमारे लिये गर्व की बात है जहां तकनीक ने जिंदगियों को बेहतर बनाने के लिये सीमाओं को तोड़ने में मदद की है। एसर विजिनोवा संपूर्ण समाधान के रूप में तैयार किया गया है, इसमें सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही हैं। एसर में हमने हमेशा ही लोगों और तकनीक के बीच की दूरियों को कम करने और सार्थक रूप से चिकित्सकीय परिणामों और स्वास्थ्यसेवा की लागत को व्यवस्थागत रूप से कम करने पर भरोसा किया है। विजिनोवा रोगियों को समय पर इलाज पहुंचाने में मदद करेगा, जब भी उनको जरूरत होगी।”
डॉ. भुजंग शेट्टी, फाउंडर एवं चेयरमैन, नारायण नेत्रालय आई इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू का कहना है, “बड्स टू ब्लॉसम के साथ, हमारा लक्ष्य दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना और समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। यह साझीदारी सीवीआई रोगियों को शामिल करने में मदद करने के लिये जरूरी है। एसर विजिनोवा अगली पीढ़ी का सॉफ्टवेयर है, जोकि एक समर्पित समाधान है। यह दृष्टिबाधित सैकड़ों बच्चों की उनके घर से ही मदद करेगा।”
एसर विजिनोवा और ‘बड्स टू ब्लॉसम’ पहल के साथ, आज इन मासूम बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिये काफी अच्छा है। बड्स टू ब्लॉसम और एसर को उनके साथ होने और उन्हें खुशियों भरा तथा स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम बनाने पर गर्व है।