Jul 7, 2021
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पैसा या बेटा ?

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सास ने अपनी बहू को डाँटते हुए कहा “कलमूही गर दूसरी बार भी लड़की हुई तो तुझे मैं हमारे घर से बाहर घसीटकर निकाल दूंगी।” बहू ने रोते हुए कहा “मम्मीजी लडकी हो या लडका उसमें मेरी कोई गलती नहीं है। आपको गर मुझे घर से बाहर निकालना है तो अभी ही निकाल दो मगर मेरे पेट से जो भी आएगा उसको बडे करने की जिम्मेदारी मैं उठाऊँगी। सासूमां तुरंत ही गुस्सा करके बोलने लगी की “कलमूही कहीकी अब तू अबोर्शन ही करवा दे, तुझको तो यहा से निकलना ही है तभी ही लडकी पैदा करने की बातें कर रही हैं। बहु ने कहा “मम्मीजी अबोर्शन की बात मत करो, यह तो आपकी जीद थी अपने बेटे से की मुझे पोता चाहिए मगर हम दोनो को तो एक लड़की से बहुत खुशी थी और आप ये बिना कोई जाँच-पडताल किए अबोर्शन की बातें क्यों कर रहे हो ? अब तो आपको सरकार के फैसले से खुश होना चाहिए क्योंकि सरकार भी देशभर में जिस किसीको भी लड़की हुई तो उनको पैसो की सहायता देती हैं। यह सुनकर सासूमां नीची मुंडी करके सीधे अपने बेटे के पास पहुंच जाके उससे पूछने लगे की “बहू जो बता रही हैं क्या वो सही है कि हमारी सरकार जिनके घर बेटी होती हैं उनको सहाय की तौर पर पैसे देती हैं ? क्या यह सही है ?” बेटा उन्हें जवाब देते हुए कहता है “हा सही बात है मगर बेटा हो या बेटी कोई भी हो वो हमे हमारे भगवान की देन समझकर स्विकारना चाहिए मगर तुम्हें तो पोता चाहिए था ना फिर क्यों अब यह बात पूछ रही हैं ?” सासुमां फिर शर्म के मारे मुंडी नीची करके अपनी बहू के पास पहुँचकर उसे कहने लगते हैं की “बहू बेटा में तुम्हें मेरे पास हमारे घर में ही रखुंगी तुम्हें कही नहीं निकालूँगी, पोती हो या पोता दोनो में से किसीको भी मैं स्विकार करूंगी।” बहू तब कहती हैं “मम्मीजी अब क्या हुआ, थोडी देर पहले तो मुझे निकाल देने की बात करते थे अब पैसे की बात आई तो क्यों आप बदल गए ?” सासुमां ने शर्म से कहा “बहु हमारे यहाँ बेटा ही होंगा देखना तुम।”

 

– संकेत व्यास (ईशारा)

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Entertainment

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