Jul 13, 2024
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प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुंबई में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) टावर्स का उद्घाटन किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जी-ब्लॉक स्थित इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) सचिवालय के दौरे पर आईएनएस टावर्स का उद्घाटन किया। यह नया भवन मुंबई में आईएनएस के सदस्यों की आधुनिक और कुशल कार्यालय स्थान की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगा और मुंबई में समाचार पत्र उद्योग के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में काम करेगा।

 

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने नए टावर के उद्घाटन पर इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के सभी सदस्यों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नए स्थान पर काम करने की आसानी से भारत का लोकतंत्र और मजबूत होगा। इस बात को रेखांकित करते हुए कि इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी का गठन आजादी से पहले हुआ था, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संगठन न केवल भारत की यात्रा के उतार-चढ़ाव का गवाह रहा है, बल्कि इसे जीता भी है और लोगों तक पहुँचाया भी है। इसलिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संगठन के रूप में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के काम का प्रभाव देश में स्पष्ट दिखाई देगा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया राष्ट्र की परिस्थितियों का मूकदर्शक नहीं है, बल्कि उन्हें बदलने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने विकसित भारत की 25 साल की यात्रा में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने नागरिकों के अधिकारों और क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करने में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में डिजिटल लेन-देन की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे आत्मविश्वास से भरे नागरिक बड़ी सफलता हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख राष्ट्र भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में रुचि रखते हैं। उन्होंने इन सफलताओं में मीडिया की भागीदारी को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने गंभीर मुद्दों पर चर्चा करके चर्चा को बढ़ावा देने में मीडिया की स्वाभाविक भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने मीडिया के कामकाज पर सरकारी नीतियों के प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने जन धन योजना के आंदोलन के माध्यम से वित्तीय समावेशन और बैंक खाते खोलने और लगभग 50 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना डिजिटल इंडिया और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की पहल में सबसे बड़ी मदद थी। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत या स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने इन आंदोलनों को राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बनाने के लिए मीडिया की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाचार पत्र सोसायटी द्वारा लिए गए निर्णय देश के मीडिया को दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किया गया कोई भी कार्यक्रम जरूरी नहीं कि सरकारी कार्यक्रम ही हो और जिस विचार पर जोर दिया जाता है, वह सिर्फ सरकार का ही नहीं होता। उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा जैसे अभियानों का उदाहरण दिया, जिन्हें सरकार ने शुरू किया था, लेकिन पूरे देश ने आगे बढ़ाया। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर सरकार के जोर को रेखांकित किया, जो राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय मुद्दा है। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का भी जिक्र किया, जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने सभी मीडिया घरानों से युवा पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए इस चलन में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मैं मीडिया घरानों से आग्रह करता हूं कि वे इस तरह की पहल को राष्ट्र के प्रति एक प्रयास के रूप में आगे बढ़ाएं।” भारत के संविधान के 75वें वर्ष के समारोहों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने संविधान के प्रति नागरिकों की कर्तव्य भावना और जागरूकता को बढ़ाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन को भी सभी द्वारा सामूहिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि समाचार पत्र किसी विशेष राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महीना चुन सकते हैं। इससे राज्यों के बीच आपसी रुचि बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने समाचार पत्रों से अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने का अनुरोध किया। निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की यात्रा को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलता को दुनिया के हर कोने तक ले जाना मीडिया की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “किसी देश की वैश्विक छवि सीधे उसकी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।” उन्होंने भारत के बढ़ते कद और वैश्विक प्रगति में योगदान देने की बढ़ती क्षमता के साथ भारतीय प्रवासियों के बढ़ते महत्व का भी उल्लेख किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं में भारतीय प्रकाशन के विस्तार की कामना की। उन्होंने सुझाव दिया कि इन प्रकाशनों की वेबसाइट, माइक्रोसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट उन भाषाओं में हो सकते हैं, उन्होंने ऐसे प्रयासों में एआई द्वारा प्रदान की गई आसानी को जोड़ने का सुझाव दिया। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने मीडिया घरानों से आग्रह किया कि वे प्रकाशन के डिजिटल संस्करण का उपयोग करें क्योंकि मुद्रित संस्करणों की तुलना में इसमें स्थान की कोई कमी नहीं है और आज दिए गए सुझावों पर विचार करें। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि आप सभी इन सुझावों पर विचार करेंगे, नए प्रयोग करेंगे और भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। आप जितनी मजबूती से काम करेंगे, देश उतनी ही प्रगति करेगा।” महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

इस अवसर पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस और श्री अजीत पवार तथा भारतीय समाचार पत्र सोसायटी के अध्यक्ष श्री राकेश शर्मा भी उपस्थित थे।

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