बहन जब तेरी शादी होगी…
तू नई जिंदगी में पहला कदम रक्खेगी।
एक वचन के साथ,
नए घर को स्वर्ग बनाएगी।
बहन जब तेरी शादी होगी…
तेरी कमी हमको बड़ा सताएगी,
तब तू हो जाएगी पराई बहना,
पर साथ तेरे मेरी दुआऐं जाएगी।
बहन जब तेरी शादी होगी…
नए सूत्रों में नए रिश्ते पिरोएगी,
राखी के बंधन को भूल न जाना,
लाज रखना इन कच्चे धागों की।
लाडली बहना, सयानी बहना,
जब तेरी शादी होगी…सीख लूंगा तेरे बगेर जीना,
अपने दिल को यह कहकर मना लूँगा,
मेरी बहन ज़रूर खुश होगी।
शमीम मर्चन्ट
Article Tags:
Shamim MerchantArticle Categories:
Literature