देशभर में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने नए मामलों में कमी आई है, लेकिन मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ें हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि टेस्टिंग बढ़ाने से फायदा हुआ है और 14 हफ्तों में ढाई गुना टेस्टिंग बढ़ाई गई है. इससे संक्रमण का पता चला और उन पर काबू पाने में मदद मिली है, लेकिन चिंता की बात कुछ और है, क्योंकि मौतों की संख्या कम नहीं हो रही है.
खुलासा ये है कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार नौजवानों की मौत की दर दोगुनी है. ये डेटा दिल्ली एनसीआर में 7-8 अस्पतालों में की गई स्टडी के आधार पर निकला है और ये बेहद चिंताजनक है. कोविड-19 (Covid-19) में हम नौजवानों को खोते जा रहे हैं.
10 मई को भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण 3 लाख 88 हजार 58 था, वो एक हफ्ते बाद 17 मई को घटकर 3 लाख 19 हजार 437 पहुंच गया. 10 मई को कोविड-19 (Covid-19) से होने वाली मौतों की तादाद 3 हजार 948 थी, वो एक हफ्ते बाद बढ़कर 4 हजार एक सौ तीन तक पहुंच गई. मौत की संख्या 19 मई को 4500 से ज्यादा हो चुकी है. तो आखिर कोविड संक्रमण का गिरता चार्ट और मौतों की बढ़ती लकीर से बनने वाला एक्स फैक्टर क्या कहता है?
जानकारों की मानें तो जिस हौसले और जज्बे के साथ हिंदुस्तान ने कोरोना से लड़ाई ठानी है वो इसी रफ्तार से बनी रहे तो अगले 10-15 दिनों में मौतों की दर गिरनी शुरू हो जाएगी. जेएनयू CSMCH के चेयरपर्सन डॉ राजीब दासगुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस से होने वाली मौतों (Coronavirus Death) का आंकड़ा दो हफ्ते पीछे चलता है और 15 दिन बाद नए केस में कमी का असर होने वाली मौतों पर भी दिखने लगेगा.
VR:- Niti Sejpal.