मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने के लिए घोषित गुजरात आईटी/आईटीईएस नीति 2017-2018 को व्यापक प्रतिक्रिया मिल रही है।
गुजरात की यह नीति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में उपयोगी साबित हुई है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री की प्रेरक उपस्थिति में रु. गुजरात सरकार और लाइट स्टॉर्म के बीच 1000 करोड़ से अधिक के निवेश से राज्य के पहले पनडुब्बी केबल लैंडिंग स्टेशन और डाटा सेंटर के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन संपन्न हुआ है।
समझौता ज्ञापन पर श्री विजय नेहरा, सचिव, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, गुजरात सरकार और श्री अमजीत गुप्ता, लाइट स्टॉर्म के सीईओ द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप, अगले पांच वर्षों में गुजरात की आईटी नीति (2022-27) के तहत 2000 से अधिक नौकरियों का सृजन होगा।
इतना ही नहीं, इस परियोजना के तहत सीधे यूरोप से गुजरात तक सबमरीन केबल लगाई जाएगी, जिससे यूरोप, मिडिल ईस्ट, यूएस और एशिया के साथ डेटा कनेक्टिविटी में वृद्धि और राज्य में डेटा सेंटर जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना में तेजी के साथ, इस तरह की केबल लैंडिंग स्थापित करने वाला देश का तीसरा राज्य बनने की दिशा गुजरात के लिए खुली है।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित नई आईटी नीति (2022-27) ने पूरे आईटी क्षेत्र में आकर्षण पैदा कर दिया है।
इतना ही नहीं, रोजगार सृजन और कौशल विकास पर निरंतर ध्यान देने से रोजगार सृजन प्रोत्साहन (ईजीआई) और आत्मानिर्भर गुजरात सहाय योजना जैसे अद्वितीय और व्यवहार्य प्रोत्साहनों का उदय हुआ है।
यह नीति भारतीय आईटी निवेश संवर्धन नीति परिदृश्य में पहली बार CAPEX-OPEX मॉडल की नवीन अवधारणा को भी पेश करती है।
नीति की घोषणा के बाद से 7 महीने की छोटी अवधि के भीतर, राज्य ने अब तक प्रमुख स्थानीय और वैश्विक आईटी कंपनियों के साथ 16 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे 28,750 कुशल आईटी नौकरियां पैदा होने की संभावना है।
गुजरात सरकार और लाइट स्टॉर्म के बीच हुए एमओयू साइन के मौके पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी और डीएसटी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे