मेरी दुनिया में तुम आईं, क्या-क्या अपने साथ लिए
तन की चाँदी मन का सोना, सपनों वाली रात लिए
तन्हा-तन्हा, खोया-खोया, मन में दिल की बात लिए
कब से यूँ ही फिरता था मैं, अरमाँ की बारात लिए
ढलका आँचल, फैला काजल, आँखों में ये रात लिए
कैसे जाऊँ सखियों में अब, तेरी ये सौग़ात लिए
दिल में कितनी कलियाँ महकी, कैसे-कैसे फूल खिले
ना जाओ, ना जाओ हटो, होठों की ख़ैरात लिए
पायल छनके, कँगना ख़नके,बदली जाए चाल मेरी
मंज़िल-मंज़िल चलना होगा, हाथों में अब हाथ लिए
फ़िल्म : हीर-राँझा-1970
कैफ़ी आज़मी
Article Tags:
Kaifi AzmiArticle Categories:
Literature