Sep 28, 2021
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साल 2030 तक भारत में क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री के आर्थिक मूल्य में 184 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है: नैसकॉम रिपोर्ट

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नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) ने इंडस्ट्री पार्टनर, वज़ीरएक्स के साथ मिलकर आज ‘क्रिप्टो इंडस्ट्री इन इंडिया’ के शीर्षक से अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में इस बात को उजागर किया गया है, कि पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार का किस तरह तीव्र गति से विकास हो रहा है। आज भारत के अधिकाधिक युवा निवेशक निवेश के नए-नए विकल्पों की तलाश को लेकर बेहद उत्साहित हैं, और इसी वजह से वे निवेश करने के लिए बिटकॉइन, एथेरियम और पॉलीगॉन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अपना रहे हैं, जो उन्हें उचित रिटर्न प्रदान करने का भरोसा दिलाता है। DLT के दूसरे एप्लीकेशंस के साथ-साथ इस तरह की डिजिटल करेंसी की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है, और इसी वजह से भारत में क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री का कई गुना विकास हुआ है।

इस मौके पर श्री निश्चल शेट्टी, संस्थापक एवं सीईओ, वज़ीरएक्स, ने कहा, “क्रिप्टो हमारे माननीय प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है। दरअसल, टियर-II और टियर-III श्रेणी के शहरों के हमारे उपयोगकर्ताओं की संख्या में 2648% की वृद्धि हुई है और 2021 में वज़ीरएक्स पर कुल साइनअप की कुल संख्या में उनका योगदान 55% रहा है। क्रिप्टो में देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में योगदान देने की अपार क्षमता है, और आने वाले वर्षों में हम देखेंगे कि क्रिप्टो ग्रामीण भारत के सामने मौजूद वित्तीय बाधाओं को दूर करेगा, साथ ही यह रोजगार, निवेश एवं पूंजी-निर्माण के अधिक अवसर पैदा करेगा और इसे लोगों के लिए सुलभ बनाएगा।”

इस बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती देबजानी घोष, अध्यक्षा, नैसकॉम, ने कहा, “भारत में क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री ने न केवल जमीनी स्तर पर अपना सकारात्मक असर दिखाया है, बल्कि टेक्नोलॉजी के सब-सेक्टर के रूप में इसका बड़ी तेजी से विकास हो रहा है। क्रिप्टोटेक के लिए भारत का परिवेश बेहद खास है, और इसी वजह से यह स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा, डिजिटल पहचान, ट्रेड एवं फाइनेंस, रेमिटेन्स और महामारी की वजह से उत्पन्न समस्याओं के समाधान में सहायता जैसे प्राथमिकता वाले प्रमुख क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करते हुए बदलाव लाने वाले की भूमिका निभाने में सक्षम है। क्रिप्टो टेक्नोलॉजी की दिशा में परामर्श देने वाली एवं सक्षम बनाने वाली विनियामक रिपोर्ट से भारत में क्रिप्टो इकोसिस्टम और इनोवेशन के विकास को बढ़ावा देने में काफी मदद मिल सकती है।”

मुख्य विशेषताएँ

  • 2030 तक भारत में क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री 241 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जबकि 2026 तक पूरी दुनिया में 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा
  • भारत में खुदरा निवेशकों द्वारा क्रिप्टो एसेट्स में किया गया कुल निवेश 6.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है
  • क्रिप्टोटेक भारत में 50,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराता है
  • 230 से ज्यादा स्टार्टअप और 150 से ज्यादा कॉन्सेप्ट और प्रोजेक्ट के प्रमाण के साथ क्रिप्टोटेक के क्षेत्र का बड़ी तेजी से विकास हो रहा है
  • सोने और अमेरिकी डॉलर को पीछे छोड़ते हुए, बिटकॉइन 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार पूंजीकरण तक पहुंचने वाला सबसे तेज एसेट बन गया है
  • पिछले एक साल के दौरान, विकेंद्रीकृत वित्त बाजार के आकार में 100 गुना की वृद्धि हुई है
  • निवेश तथा लागत में बचत के रूप में इस इंडस्ट्री के आर्थिक मूल्य में 184 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है तथा 800k से अधिक रोजगार के अवसरों उपलब्ध कराने में सक्षम है

 

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 60% से अधिक राज्य क्रिप्टोटेक को अपनाने वाले के रूप में उभर रहे हैं। 15 मिलियन से अधिक खुदरा निवेशकों के साथ यह इंडस्ट्री विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्ट-अप को क्रिप्टोटेक को अपनाने के लिए बड़ी तेजी से आकर्षित कर रही है। भारत में 230 से ज्यादा स्टार्ट-अप क्रिप्टोटेक के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। संस्थागत और खुदरा निवेशकों की ओर से निवेश में बढ़ोतरी के कारण देश में क्रिप्टोटेक के फायदों के बारे में जागरूकता भी बढ़ी है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में इसके बाजार के 2 गुना तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और इसमें साल 2030 तक 800k से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। इसमें निवेश तथा लागत में बचत के रूप में इस इंडस्ट्री के आर्थिक मूल्य में 184 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि की भी संभावनाएं मौजूद हैं।

आज विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियां एवं स्टार्ट-अप भी सरकार, उद्योगों और शिक्षा जगत के साथ साझेदारी कर रहे हैं, ताकि स्वास्थ्य एवं सुरक्षा डिजिटल पहचान ट्रेड एवं फाइनेंस के क्षेत्र में मिसाल कायम की जा सके और महामारी की वजह से उत्पन्न समस्याओं का समाधान किया जा सके।

रिपोर्ट में आगे इस बात को भी उजागर किया गया है कि बिटकॉइन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस, टोकनाइजेशन की लहर, गैर-विनिमेय टोकन, क्रिप्टोटेक कैपिटल और केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी के उदय को भारत में क्रिप्टोटेक के विकास के साथ-साथ इसे अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली 7 प्रमुख प्रवृत्तियों के रूप में देखा जाएगा। शुरुआती अवस्था में होने के बावजूद, यह उद्योग जगत पहले से ही व्यापार, सॉफ्टवेयर के विकास, एनालिटिक्स और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है।

विश्व स्तर की बात की जाए, तो क्रिप्टोटेक इंडस्ट्री के साल 2021 तक 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर और साल 2026 तक 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। कई वैश्विक बैंकों ने क्रिप्टो की खरीद की शुरुआत की है और अमेरिका, यूरोप और एशिया में कुछ बैंक अपने ग्राहकों के बीच B2B क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट को सक्षम बनाने के लिए अपनी ब्लॉक-चेन आधारित प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं। यहां तक ​​कि माइक्रोसॉफ्ट और पेपाल से लेकर 20 से ज्यादा प्रमुख निगमों ने पेमेंट के लिए क्रिप्टो को मंजूरी देने की शुरुआत की है। कोविड-19 के दौरान पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के प्रति झुकाव बढ़ा है, जिससे इस इंडस्ट्री को सभी वर्टिकल में आगे बढ़ने और विस्तार करने का प्रोत्साहन मिला है।

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Banking and Finance · Business · Economic

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