रणवीर सिंह एक शानदार शख़्सियत होने के साथ-साथ हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के सबसे युवा बोनाफाइड सुपरस्टार हैं। वह इंडस्ट्री में सबसे कम उम्र के सुपरस्टार हैं, साथ ही पहले ऐसे यंग स्टार हैं जिनकी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘पद्मावत’ ने 300 करोड़ की कमाई का रिकॉर्ड दर्ज किया। जबरदस्त आत्मविश्वास, ऑरिजनलिटी और फोकस का प्रतिनिधित्व करने वाले इस सुपरस्टार ने कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचकर अपना एक अलग मुकाम बनाया है। वह सही मायने में सेल्फ-मेड रोल मॉडल हैं, और इस इंडस्ट्री के लिए आउटसाइडर होने के बावजूद उन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है। भारतीय सिनेमा। 10 दिसंबर को, फ़िल्म जगत में रणवीर के एक दशक का सफ़र पूरा होगा क्योंकि बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाने वाली उनकी डेब्यू फ़िल्म ‘बैंड बाजा बारात’ की 10वीं सालगिरह इसी दिन है। रणवीर के पिछले 10 सालों के सफ़र को देखते हुए हर कोई इस बात से जरूर सहमत होगा कि, उनके जबरदस्त टैलेंट और ब्रांड ऑफ वर्सेटिलिटी ने भारतीय सिनेमा की मौजूदा तस्वीर को बिल्कुल नया रूप दिया है।
अव्वल दर्ज़े के कलाकार के रूप में, रणवीर ने अलग-अलग जॉनर की फ़िल्मों में अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया है और विभिन्न प्रकार के किरदारों को पर्दे पर बखूबी निभाया है। बात चाहे बैंड बाजा बारात के प्यारे और मनमौजी किरदार ‘बिट्टू शर्मा’ की हो, या फिर ‘लुटेरा’ के बड़े ही नेकदिल और दुनिया से नाखुश चोर, ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’ में चुनौतियों का सामना करने वाले जोशीले रोमियो, पूरी दुनिया में धूम मचाने वाली फ़िल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में बड़े ही दिलेर और प्रतापी पेशवा बाजीराव, ‘दिल धड़कने दो’ के बेहद शांत और शालीन लेकिन थोड़ा जटिल स्वभाव वाले कबीर मेहता, फ़िल्म पद्मावत में सनकी और बड़े ही क्रूर राजा अलाउद्दीन ख़िलजी, सिंबा और मुराद में एक भ्रष्ट पुलिसवाला जो प्रतिशोध लेता है, ‘गली बॉय’ में भारत की गलियों में गूंजने वाली गुमनाम लेकिन बुलंद आवाज़, रणवीर ने अपनी बेजोड़ परफॉर्मेंस रेंज के बलबूते पर अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। सुपरस्टारडम के इस सफ़र के दस साल पूरा होने के अवसर पर, इस शोबिज़नेस के सर्वश्रेष्ठ शोमैन, रणवीर ने अपनी सबसे यादगार उपलब्धि, अपने सपनों और अपनी इच्छाओं के बारे में खुलकर बात की। वह बताते हैं कि अपनी डेब्यू फ़िल्म में धूम मचाने से पहले उन्हें भी कई सालों तक रिजेक्शन का दर्द झेलना पड़ा, साथ ही वह उस लीगेसी के बारे में बताते हैं जिसे वह अपने पीछे छोड़कर जाना चाहते हैं।
प्रश्न: 10 दिसंबर को फ़िल्म इंडस्ट्री में रणवीर सिंह के 10 सालों का सफ़र पूरा होगा। अगर आप पीछे मुड़कर देखें, तो इन 10 सालों में वह सबसे बेहतरीन लम्हा कौन सा था जिसे आप अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानेंगे और क्यों?
सच कहूं तो, जिस वक़्त मेरी पहली फ़िल्म में मेरा सलेक्शन हुआ था उसे मैं अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा माइलस्टोन मानता हूं, और वह लम्हा मुझे हमेशा याद रहेगा। आज भी जब मैं उस लम्हे के बारे में सोचता हूं, तब मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मेरे जैसे बैकग्राउंड वाले किसी कलाकार को इतना बड़ा ब्रेक मिलना, वाकई मेरी कल्पना से परे था। अगर आप पूरी लगन से कोशिश करें तो आपके सपने वाकई पूरे होते हैं। ख़ुशकिस्मती से जीवन में आने वाले उस मोड़ के बाद, इस पूरे सफ़र में मैंने काफी कुछ सीखा है। इसके बाद एक क्रिएटिव पर्सन, एक परफॉर्मर और एक पब्लिक फिगर के तौर पर मुझे लगातार आगे बढ़ने का मौका मिला है। हर गुज़रते साल और हर नई फ़िल्म के साथ, मैंने क्राफ्ट के बारे में थोड़ा और सीखा है, खुद को और करीब से जाना है, साथ ही मैंने अपने आप को और अपनी स्किल्स को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश की है। हर फ़िल्म के साथ और हर किरदार के जरिए, मैं खुद को थोड़ा और एक्सप्लोर करने की उम्मीद करता हूं। मुझे लगता है कि फ़िल्मों में अलग-अलग तरह किरदार निभाते हुए मैं खुद को और बेहतर ढंग से समझ पाऊंगा। जिंदगी के हर एक्सपीरियंस और हर फ़िल्म से मुझे कुछ सीखने को मिला है, इसलिए मैं अपनी जिंदगी में मिली हर अपॉर्चुनिटी का शुक्रगुज़ार हूं।
प्रश्न: आप एक सेल्फ-मेड सुपरस्टार हैं। BBB के लिए चुने जाने से पहले आपको भी रिजेक्शन का सामना करना पड़ा है, क्योंकि हाल ही में अनुराग कश्यप, निखिल आडवाणी और इंडस्ट्री के कई लोगों ने भी उन घटनाओं का ज़िक्र किया है। हमें उस दौर के बारे में बताइए, जब आपको पता नहीं था कि आगे क्या होगा और लेकिन फिर भी आपने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते गए।
मेरे स्ट्रगल का दौर आसान नहीं था। उस समय मंदी का दौर था, फ़िल्मों के बिजनेस से फिल्मेकर्स को कोई फायदा नहीं हो रहा था और लोग कम फिल्में बना रहे थे। लिहाजा आज के एक्टर्स की तुलना में उस समय के एक्टर्स के पास अपॉर्चुनिटी काफी कम थी। आज की तरह उस समय हमारे पास वेब प्लेटफ़ॉर्म नहीं थे, OTT प्लेटफ़ॉर्म जैसी कोई चीज नहीं थी। इसलिए अच्छी अपॉर्चुनिटी मिलना काफी मुश्किल था। लगभग 3 से 3.5 सालों तक मैं केवल अंधेरे में रोशनी की किरण ढूंढ रहा था। मैं मौके की तलाश में था, एक ब्रेक पाने की कोशिश कर रहा था, मैं इंडस्ट्री में क़दम रखने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा था। उन दिनों मैं काम की तलाश में अपना पोर्टफोलियो लेकर अलग-अलग ऑफिस के चक्कर काटता था और मैं सचमुच नहीं जानता था कि आगे क्या होगा। मेरी जगह कोई और भी होता तो उसे भी यह बात असंभव मालूम होती, और उस वक्त तो मैं यह सोच भी नहीं सकता था कि मुझे हिंदी फ़िल्मों में लीड रोल निभाने का मौका मिलेगा। अनगिनत संघर्षों के बाद मुझे यह जीत हासिल हुई, और मैंने इसे हासिल किया। अपने माता-पिता के प्यार, आशीर्वाद, बलिदान और उनके सपोर्ट की वजह से ही मुझे आगे बढ़ने का हौसला मिला और मैंने अपनी कोशिश जारी रखी। मेरे भीतर काम करने की लगन थी और कभी-कभी मैंने भी कुछ नादानियां की, लेकिन मैं कभी अपने रास्ते से डिगा नहीं। 21 साल की उम्र में मैंने कोशिश शुरू की थी और 24 साल की उम्र में मुझे बड़े ही शानदार अंदाज़ में यह मौका मिला। वे किस्से मुझे हमेशा याद रहेंगे। पटियाला हाउस में एक साइड रोल के साथ मुझे डेब्यू का मौका मिलने वाला था। मैंने कुछ छोटे बजट की फिल्में की जिनमें अनुराग सीधे तौर पर / या इनडायरेक्टली जुड़े थे। इसके बाद जिस तरह से मेरी किस्मत ने करवट ली और मैं आगे बढ़ता चला गया, उसे देखकर अनुराग सर और निखिल सर की तरह मुझे भी बड़ी हैरानी हुई है!
प्रश्न: आज, आप सभी टॉप डायरेक्टर्स के लिए सबसे पसंदीदा कलाकार हैं। अगर आप पीछे मुड़कर देखें, तो BBB के लिए चुने जाने के बाद क्या आपने सोचा था कि आप एक दशक में कामयाबी के इस मुकाम तक पहुंचेंगे?
नहीं, बिलकुल नहीं। मेरे डेब्यू के शुक्रवार से ही जिस तरह की बातें मेरे साथ हुईं, मेरे करियर में जो मोड़ आया और मेरा सफ़र जिस तरह से आगे बढ़ा है, वह मेरी कल्पना से परे है। मैं उन चीजों के बारे में सोच भी नहीं सकता था, जो मेरे साथ और मेरे आसपास हुई हैं। मैं यह दावा नहीं कर सकता कि मैंने कुछ ऐसा ही सपना देखा था। मैंने सोचा कि ‘कुछ ना कुछ हो जाएगा’ लेकिन ऐसा होगा ये कभी नहीं सोचा था। लोग कहते हैं कि आपको बड़े सपने देखने की हिम्मत करनी चाहिए, लेकिन मैंने खुद इतना बड़ा सपना कभी नहीं देखा था। इसलिए, अगर मैं एक पल ठहरकर अपने करियर के इस सफ़र का जायजा लूं, तो आज मैं जिस मुकाम पर हूं वह मुझे कोरी कल्पना की तरह नज़र आएगा।
प्रश्न: क्या आप उन लोगों में से हैं जो अपनी लीगेसी के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं? अगर हां, तो आपके विचार से भारतीय सिनेमा के इतिहास में रणवीर की लीगेसी किस तरह की होगी?
जी हाँ, मैं हर दिन इस दिशा में काम करता हूं कि मैं एक ऐसी लीगेसी, ऐसी फिल्मोग्राफी छोड़ कर जाऊं जिस पर मुझे गर्व हो। मैं चाहता हूं कि कला के क्षेत्र में मेरा भी शानदार कंट्रीब्यूशन हो और मैं दूसरे सभी आर्टिस्ट को उसी तरह इंस्पायर करना चाहता हूं, जैसे मेरे सीनियर आर्टिस्ट्स ने मुझे इंस्पायर किया है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा नाम इतिहास में दर्ज हो। मुझे लगता है कि सामाजिक मनुष्य होने के नाते यह बड़ी स्वाभाविक बात है। मैं चाहता हूं कि लोग मुझे जबरदस्त एंटरटेनर, एक वर्सेटाइल एक्टर के तौर पर हमेशा याद रखें, एक ऐसा कलाकार जिसने हमारे देश की कुछ बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया है। मैं जानता हूं कि मेरे ये सपने काफी बड़े हैं, लेकिन मैं फ़िल्मों के जरिए इस लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद के साथ हर दिन मेहनत कर रहा हूं। मैं अपने पसंदीदा काम, यानी फ़िल्मों के जरिए अपने देश को गौरवान्वित करना चाहता हूं। अगर मुझे अपने एम्बीशंस के बारे में संक्षेप में बताना हो, तो मैं यही कहूंगा कि मैं सिर्फ लोगों को एंटरटेन करना चाहता हूं, बस इतनी ही मेरी ख़्वाहिश है। मैं लोगों का मनोरंजन करके उनके जीवन के दुख-दर्द को कम करना चाहूंगा। मैं तहे दिल से एक एंटरटेनर बनना चाहता हूं, और मुझे लगता है कि ईश्वर मुझे राह दिखा रहे हैं और अपनी इस कोशिश में मुझे किस्मत का साथ भी मिल रहा है।