Apr 6, 2021
414 Views
0 0

एक थप्पड़

Written by

अपनी गलतियों का जुरमाना भरना है,
बहती हवा से आज एक थप्पड़ खाना है।

जिस रात मैने अपना दिल दुखाया था,
उस हर रात का मुझे अहसान चुकाना है ।

रातों की नींद को सूत समेत वापस करना है,
जो लम्हे खोए थे उन्हें खुद को लौटाना है।

वो कहां एक कतरा भी रोए थे ?
पर मुझे उन अश्कों को पूरा न्याय दिलाना है ।

दर्शिनी ओझा

Article Tags:
Article Categories:
Literature

Leave a Reply